रूस में बैठे असद बागियों पर उगल रहे आग... सीरिया में तख्तापलट के बाद चल क्या रहा, 10 बड़े अपडेट

सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशीर अल असद (Bashir al asad) ने देश से भागने के 8 दिन बाद पहली बार बयान दिया है. असद ने सोमवार को रूस से जारी अपने बयान में दावा किया कि उनका इरादा कभी भी सीरिया छोड़ने का नहीं था.

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नई दिल्ली:

सीरिया में बशर अल-असद (Bashar Al Assad) के सत्ता से हटने के बाद देश में अनिश्चितता के हालत हैं. 8 दिसंबर 2024 को राजधानी दमिश्क पर विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के कब्जे के बाद, असद देश छोड़कर रूस में हैं. असद के जाने के बाद, सीरिया में अभी किसी की भी सरकार नहीं है. एक स्थिर सरकार की स्थापना अब तक नहीं हो पाई है. विभिन्न गुटों के बीच संघर्ष जारी है. इधर पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के नाम से टेलीग्राम चैनल पर एक बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि उनका सीरिया छोड़ने का कभी कोई इरादा नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा कि सीरिया पर आंतकियों का अभी कब्जा है.

  1. संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने की बैठक: विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता अहमद अल-शरा ने दमिश्क में सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन के साथ बैठक की. स्थानीय अल-वतन ऑनलाइन समाचार आउटलेट के एक बयान के मुताबिक दोनों के बीच राजनीतिक परिवर्तन पर चर्चा हुई.

  2. गोलान हाइट्स पर इजरायल की नजर: इजरायल सरकार ने गोलान हाइट्स में बस्तियों के विस्तार की योजना को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. गोलान हाइट्स सीरिया का एक क्षेत्र है, जिस पर वर्तमान में इजरायल का कब्जा है. इजरायल के सैन्य प्रमुख हरजी हलेवी ने कहा है कि उनका देश सीरिया में हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन, उनका ध्यान इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में 'आतंकवादी तत्वों' को अपनी जड़ें जमाने से रोकने पर रहेगा. 

  3. रूस ने सीरिया से कुछ राजनयिकों को निकाला: रूस के विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूस ने सीरिया की राजधानी दमिश्क से अपने कुछ राजनयिकों को निकाल लिया है, जबकि उसका दूतावास अभी भी काम कर रहा है. मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि राजनयिकों को सीरिया के खमीमिम एयरबेस से रूसी यरोस्पेस फोर्सेज की उड़ान से मॉस्को ले जाया गया.

  4. ब्रिटेन ने एचटीएस के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किया: ब्रिटिश सरकार ने सीरियाई विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किया है, जो अब अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद से सत्ता छीनकर देश पर नियंत्रण कर चुके हैं.ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैम्मी ने इस की पुष्टि करते हुए कहा कि एचटीएस अभी भी एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है, लेकिन ब्रिटेन राजनयिक संपर्क बना सकता है और हम ऐसा करते हैं जैसा कि आप उम्मीद करेंगे. 

  5. सीरिया संकट का असर हिजबुल्लाह पर: हिजबुल्लाह नेता नईम कासिम ने माना है कि सीरिया में हुए संघर्ष का असर उस मार्ग पर भी पड़ा है जिससे होकर उनके हथियार पहुंचते थे. असद सरकार के पतन के बाद शनिवार को अपने पहले टेलीविजन संबोधन में, कासिम ने व्यवधान को स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि एक बार नई व्यवस्था स्थापित हो जाने पर आपूर्ति मार्ग को बहाल किया जा सकता है, या हिजबुल्लाह वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर सकता है. 

  6. असद देश छोड़ना नहीं चाहते थे: सीरिया के निष्कासित राष्ट्रपति बशर अल-असद ने सोमवार को कहा कि वह सीरिया को छोड़कर जाना नहीं चाहते थे.  अल-असद ने कहा कि मेरी देश छोड़ने की कोई योजना नहीं थी.

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  8. सीरिया के हालत पर ईरान की नजर: सीरिया में विद्रोही बलों द्वारा राष्ट्रपति बशर असद की सरकार को उखाड़ फेंके जाने के कुछ दिन बाद ईरान की तरफ से कहा गया था कि वर्तमान स्थिति के बारे में निर्णय करना अभी जल्दबाजी होगा. ईरान ने इस बात पर जोर दिया कि तेहरान की चिंता केवल सीरिया या ईरान की नहीं, बल्कि “पूरे क्षेत्र” की स्थिरता और सुरक्षा को लेकर है. 

  9. संयुक्त राष्ट्र ने सैन्य अभियान रोकने की अपील की: सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत ने कहा कि सीरिया में इजरायल के सैन्य अभियान बंद होने चाहिए. उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में सभी संघर्षों को तत्काल रोकने की जरूरत है.गेइर पेडरसन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "एक बहुत ही परेशान करने वाली बात यह है कि हम सीरियाई क्षेत्र में इजरायली गतिविधियों और बमबारी को लगातार देख रहे हैं। इसे रोकने की जरूरत है."

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  11. अभी कौन चलाएगा सरकार?- अरब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के लीडर मोहम्मद अल-बशीर सीरिया के अंतरिम सरकार के मुखिया होंगे. इससे पहले उन्होंने सीरिया के इदलिब राज्य में HTS की सरकार का नेतृत्व किया था. बशर अल असद का ताल्लुक अलावी समुदाय से है. यह समुदाय सीरिया में अल्पसंख्यक है. सीरिया में अलावी समुदाय की आबादी महज 12% है, लेकिन  सत्ता इसी अलावी राजवंश के पास थी.

  12. बशर अल-असद की तस्वीरें वायरल: बशर अल-असद की सेमी न्यूड तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं. दरअसल, कब्जे के बाद विद्रोहियों ने असद के महलों पर धावा बोल दिया और उन्हें 59 वर्षीय तानाशाह के शासनकाल में उनके लैविश जीवन के सबूत मिलें हैं.

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