बांग्लादेश में ये कैसा उत्पात! भीड़ ने रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर को बनाया निशाना

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने हंगामा उस वक्त शुरू किया जब  एक विजिटर अपने परिवार के साथ रवींद्र कचहरीबाड़ी पहुंचा था. कथित तौर पर मोटरसाइकिल पार्किंग शुल्क को लेकर प्रवेश द्वार पर विजिटर और कर्मचारियों के बीच विवाद हुआ.

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बांग्लादेश में भीड़ ने रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर किया हमला
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  • बांग्लादेश में उपद्रवियों ने रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमला किया।
  • भीड़ ने विवाद के बाद कचहरीबाड़ी में तोड़फोड़ की और कर्मचारियों पर हमला किया।
  • स्थानीय निवासियों ने विरोध स्वरूप मानव श्रृंखला बनाई और हंगामा किया।
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बांग्लादेश में पिछले साल भर से उपद्रवियों का उत्पात जारी है. अब इन उपद्रवियों ने नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर को निशाना बनाया है. रवीद्रनाथ टैगोर का ये पैतृक घर बांग्लादेश के सिरायगंज जिले में है. भीड़ ने उनके इस घर पर जबरदस्त तोड़फोड़ की है. बांग्लादेश पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कर रही है. 

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने हंगामा उस वक्त शुरू किया जब  एक विजिटर अपने परिवार के साथ रवींद्र कचहरीबाड़ी पहुंचा, जिसे रवींद्र स्मारक संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है. कथित तौर पर मोटरसाइकिल पार्किंग शुल्क को लेकर प्रवेश द्वार पर विजिटर और कर्मचारियों के बीच विवाद हुआ. तनाव बढ़ गया और विजिटर को कथित तौर पर एक रूम में बंद कर दिया गया और कर्मचारियों द्वारा शारीरिक रूप से हमला किया गया.

इस घटना से स्थानीय आक्रोश भड़क उठा. मंगलवार को, निवासियों ने विरोध में एक मानव श्रृंखला बनाई, जिसके बाद भीड़ ने परिसर में धावा बोल दिया. कचहरीबाड़ी के सभागार में तोड़फोड़ की गई और संस्थान के एक निदेशक पर शारीरिक रूप से हमला किया गया.

सरकारी बीएसएस समाचार एजेंसी के अनुसार, जवाब में, पुरातत्व विभाग ने हमले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति को पांच कार्य दिवसों के भीतर अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. 

पत्रकारों से बात करते हुए कचहरीबाड़ी के संरक्षक मोहम्मद हबीबुर रहमान ने कहा कि "अपरिहार्य परिस्थितियों" के कारण इस जगह को आगंतुकों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पूरा परिसर अब आधिकारिक निगरानी में है. बांग्लादेश के राजशाही डिवीजन के शहजादपुर में स्थित कचहरीबाड़ी टैगोर परिवार का ऐतिहासिक निवास और पूर्व राजस्व कार्यालय दोनों है.

 रवींद्रनाथ टैगोर ने इस एस्टेट में काफी समय बिताया, जहां उन्होंने अपनी कई प्रसिद्ध साहित्यिक कृतियां बनाईं. तब से इस हवेली को कवि के जीवन और विरासत को समर्पित एक सांस्कृतिक विरासत स्थल और संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया गया है. 
 

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