शेख हसीना की पार्टी को बैन नहीं करेगी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, आंदोलनकारी छात्र होंगे नाराज?

बांग्लादेश के प्रदर्शनकारी छात्रों की तरफ से शेख हसीना की पार्टी पर उनके 15 साल के कार्यकाल के दौरान व्यापक मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है.

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना
ढाका, बांग्लादेश:

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि देश छोड़कर भाग गईं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की राजनीतिक पार्टी, अवामी लीग पर कोई प्रतिबंध लगाने की योजना नहीं है. कार्यवाहक सरकार के नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस का यह फैसला उन छात्र क्रांतिकारियों को नागवार गुजर सकता है जिन्होंने पिछले साल विद्रोह करके शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका था.

छात्रों की तरफ से शेख हसीना की पार्टी पर उनके 15 साल के कार्यकाल के दौरान व्यापक मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है. पिछले साल के आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई का भी आरोप लगा, जिसमें 800 से अधिक लोग मारे गए थे.

छात्र क्या मांग कर रहे?

छात्र नेता अभी भी अपने साथियों की मौत पर शोक मना रहे हैं. उनकी मांग है कि अवामी लीग को गैरकानूनी घोषित किया जाए. बांग्लादेश के इतिहास में इस पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में 1971 के बांग्लादेश के खूनी स्वतंत्रता संग्राम में पार्टी ने भूमिका निभाई थी.

हालांकि छात्रों की मांग के विपरित कार्यवाहक सरकार को चला रहे मुहम्मद यूनुस ने कहा कि उनका पार्टी को बैन करने का कोई इरादा नहीं है. गुरुवार, 20 मार्च की देर रात जारी एक सरकारी बयान में कहा गया, "प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है." 

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार साथ ही कहा गया, "हालांकि, इसके नेतृत्व में जिन व्यक्तियों पर हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध सहित कई आरोप हैं, उन पर बांग्लादेश की अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा."

ढाका में एक न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) ने पहले ही हसीना और उसके सहयोगियों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. 

संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय के एक फैक्ट-फाइंडिंग मिशन ने पिछले महीने कहा था कि हसीना की सरकार पिछले साल सत्ता पर कब्जा बनाए रखने की कोशिश में प्रदर्शनकारियों पर सिस्टमैटिक हमलों और हत्याओं के लिए जिम्मेदार थी. इसमें "यह विश्वास करने के लिए उचित आधार पाया गया कि हत्या, यातना, कारावास और अन्य अमानवीय कृत्यों को अंजाम देने जैसे मानवता के खिलाफ अपराध हुए हैं".

उनके पद से हटने के बाद से, छात्रों ने लगातार मांग की है कि अगले साल जून तक होने वाली नई सरकार के चुनाव से पहले पार्टी पर प्रतिबंध लगाया जाए. हालांकि अंतरिम सरकार ने इससे इंकार किया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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