Bangladesh News: बांग्लादेश एक बार फिर विनाशकारी अस्थिरता की ओर बढ़ रहा है. 'इंकलाब मंच' के नेता शरीफ उस्मान हादी (Sharif Osman Hadi) की हत्या के बाद पूरे देश में उबाल है. शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने ढाका (Dhaka) के शाहबाग चौक (Shahbagh Intersection) को पूरी तरह जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों की मांग अब सिर्फ न्याय तक सीमित नहीं है, बल्कि वे मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को हटाकर देश में क्रांतिकारी सरकार (Revolutionary Government) बनाने की मांग कर रहे हैं.
शाहबाग में गूंजे 'भारत विरोधी' नारे
ताजा विरोध प्रदर्शनों के दौरान ढाका की सड़कों पर भारत विरोधी नारे भी सुने गए. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वर्तमान सरकार देश की संप्रभुता की रक्षा करने में विफल रही है. शुक्रवार की दोपहर तक शाहबाग का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया, जिससे पूरे ढाका की परिवहन व्यवस्था ठप हो गई.
मीडिया हाउस और मुजीबुर रहमान के घर पर हमला
बीती रात बांग्लादेश के लिए काफी हिंसक रही. उग्र भीड़ ने देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों द डेली स्टार (Daily Star) और प्रथम आलो (Prothom Alo) के कार्यालयों को निशाना बनाया. इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शेख मुजीबुर रहमान के आंशिक रूप से ध्वस्त हो चुके घर (32 नंबर) पर भी फूटा, जहां जमकर तोड़फोड़ की गई.
'लोकतंत्र को पटरी से उतारने की साजिश'
बढ़ते बवाल के बीच मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी. सरकार ने एक कड़ा बयान जारी करते हुए कहा, 'सरकार ने हिंसा, आगजनी और संपत्ति के विनाश को 'अस्वीकार्य' बताया है. चेतावनी दी गई है कि मुट्ठी भर अराजक तत्व देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और आगामी फरवरी चुनाव को पटरी से उतारना चाहते हैं. सरकार ने पीड़ित मीडिया संस्थानों के साथ खड़े होने और हमलावरों को सजा दिलाने का वादा किया है.'
इंकलाब मंच की अपील: 32 और 36 एक समान नहीं
इस बीच, हिंसा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहे इंकलाब मंच ने एक रहस्यमयी फेसबुक पोस्ट के जरिए शांति की अपील की है. उन्होंने लिखा, 'विनाश के जरिए कुछ समूह बांग्लादेश को एक विफल राष्ट्र बनाना चाहते हैं. आपको समझना होगा कि 32 और 36 नंबर एक जैसे नहीं हैं.' संगठन ने जनता से अपील की है कि वे हिंसा और आगजनी से दूर रहें, क्योंकि इससे देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को खतरा है.
भारत के लिए चिंता का विषय?
प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए जा रहे भारत विरोधी नारे और सीमा पर बढ़ते तनाव ने नई दिल्ली की चिंताएं बढ़ा दी हैं. फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले 'क्रांतिकारी सरकार' की मांग बांग्लादेश को एक नए संवैधानिक संकट की ओर धकेल सकती है.
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