- हादी के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया और संसद भवन में नमाज-ए-जनाजा अदा की जाएगी
- प्रमुख मीडिया संस्थानों पर हमले के बाद प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने पत्रकारों से फोन पर बातचीत कर संवेदना जताई
- हादी के समर्थक हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं और भारत के प्रति उनके विरोध के कारण सीमा पर तनाव बढ़ा है
Sharif Osman Hadi Death: शरीफ उस्मान हादी. बांग्लादेश का एक नौजवान. शेख हसीना के खिलाफ हुए विद्रोह ने इसे पहचान दी और चल पड़ा राजनीति की राहों पर. ढाका-8 से चुनाव लड़कर बांग्लादेश को कट्टरपंथी राह पर ले जाने की कोशिश में दम तोड़ गया. मौत गोलियों के कारण हुई, मगर हमलावर का पता नहीं चला. ये तब है जब उसी के बनाए यूनुस सत्ता पर काबिज हैं. हादी की मौत के बाद बांग्लादेश फिर जल रहा है. आम लोग तो दूर मीडिया तक डर के साये में है. मगर, यूनुस बातूनी मरहम लगा रहे हैं.
राजकीय शोक की भी घोषणा
मरहम की पहली खेप लगाई गई हादी की मौत पर. बांग्लादेश एयरलाइंस के एक विमान से शाम लगभग 5:48 बजे हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हादी का ताबूत उतरा. ताबूत राष्ट्रीय ध्वज से ढका हुआ था. एयरपोर्ट पर पांव रखने की भी जगह नहीं थी. फिर यूनुस की तरफ से ऐलान किया गया कि इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की नमाज-ए-जनाजा कल दोपहर 2:00 बजे जातीय संसद भवन के साउथ प्लाजा में अदा की जाएगी. जनाजे में शामिल होने के इच्छुक लोगों से विशेष अनुरोध किया गया है कि वे अपने साथ कोई बैग या भारी सामान न लाएं. इसी के साथ, संसद भवन के अंदर और आसपास ड्रोन उड़ाना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके अलावा प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने शरीफ उस्मान हादी के निधन पर शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक की भी घोषणा की है.
मीडिया वालों को फोन कॉल
डॉ. मुहम्मद यूनुस ने दूसरा मरहम लगाया प्रेस वालों को मतलब बांग्लादेश के मीडिया वालों को. प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के संपादकों से उनके कार्यालयों पर हुए इस क्रूर हमले के बारे में फोन पर बात की. यह जानकारी मुख्य सलाहकार कार्यालय के प्रेस विंग द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में दी गई. बयान में, प्रोथोम आलो के संपादक मोतिउर रहमान और द डेली स्टार के संपादक महफूज अनम के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए, मुख्य सलाहकार ने कहा कि वे उनके संस्थानों और पत्रकारों पर हुए इस अनुचित और जघन्य हमले से बेहद दुखी हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है. मुख्य सलाहकार ने कहा कि देश के दो प्रमुख मीडिया संगठनों पर हमला स्वतंत्र मीडिया पर हमला है. उन्होंने इस घटना को देश की लोकतांत्रिक प्रगति और स्वतंत्र पत्रकारिता के मार्ग में एक बड़ी बाधा बताया. दरअसल, इन दोनों अखबारों के दफ्तरों को यूनुस के समर्थकों ने इसलिए जला दिया क्योंकि वो भारत के साथ दोस्ती को बांग्लादेश के हित में बताते थे.
कैसे हुई हादी की मौत
शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार रात सिंगापुर जनरल अस्पताल में निधन हो गया था. 12 दिसंबर को राजधानी के पुराना पलटन में चुनाव प्रचार के दौरान हमलावरों ने हादी को गोली मार दी थी, जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आई थीं. ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल और एवरकेयर अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद, उसे 15 दिसंबर को बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां बाद में उसने दम तोड़ दिया. हादी की मौत के बाद से उसके समर्थक उग्र हो गए हैं. हिंसा कर रहे हैं. दरअसल, हादी शेख हसीना के साथ-साथ भारत का भी जोरदार विरोधी था. यही कारण है कि बांग्लादेशी भारत की सीमा पर आ-आकर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. मगर, भारतीय सेना की बंदूकों को देखकर अपनी सीमा में हैं. हां, ढाका स्थित भारतीय दूतावास पर जरूर उग्र प्रदर्शन कर बांग्लादेशियों ने अपनी ताकत दिखाई.













