भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर फिजी पहुंचे हैं. यहां वह 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल होंगे. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान राबुका ने भारत को अपना पुराना दोस्त बताया. दोनों देशों के बीच वीजा छूट समझौते पर हस्ताक्षर हुए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब फिजी के प्रधानमंत्री राबुका ने चीन के बारे में पूछा गया तो वह गुस्सा हो गए. उन्होंने कहा- 'जो यहां मौजूद ही नहीं उसके बारे में बात करना सही नहीं है. यह अशिष्टता है. हमारे पास भारत जैसे पुराने मित्र हैं. नए दोस्त को खोजने की जरूरत नहीं है.'
फिजी के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे बीच आपसी सहयोग पर चर्चा हुई. इतनी बड़ी ताकत और अर्थव्यवस्था हमसे बात कर रही है, यह हमारे लिए बहुत सौभाग्य की बात है.' राबुका ने कहा, ‘इस क्षेत्र में वास्तव में कोई नए मित्र नहीं हैं. हम भारत के मित्र रहे हैं और हम चीन के मित्र रहे हैं. हम अपने संबंध बरकरार रखेंगे.'राबुका ने फिजी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की सह-मेजबानी में अभूतपूर्व समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार की सराहना भी की.
फिजी का साझीदार बनना सौभाग्य की बात
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि फिजी के राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में उसका साझीदार बनना भारत के लिए सौभाग्य की बात है. जयशंकर ने फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत और फिजी ने वीजा छूट समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
भारत और फिजी के बीच घनिष्ठ संबंध
उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच यात्रा को प्रोत्साहित करने में निश्चित ही काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘भारत और फिजी के बीच घनिष्ठ एवं पुराने संबंध हैं और मुझे लगता है कि इसमें दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंधों का बड़ा योगदान है. प्रधानमंत्री के साथ वार्ता के बाद मुझे पूरा भरोसा है कि यह संबंध नई ऊंचाइयां छुएगा और इससे दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा.'
जयशंकर ने कहा, ‘फिजी के राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में उसके साथ स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रो में साझीदार बनना हमारे लिए सौभाग्य की बात है. हमने गन्ना उद्योग में परियोजनाएं की हैं. हमने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम किया है और हमने आज वार्ता के दौरान आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) और मध्यम एवं लघु उपक्रमों के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की. हमारे सामने वास्तव में बहुत ही ठोस द्विपक्षीय एजेंडा है.' (भाषा से इनपुट के साथ)
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