जब संसद के अंदर मरी हुई बड़ी मछली लेकर पहुंची नेता, जानिए ‘स्टंट’ के पीछे की वजह- Video

क्या आपने कभी किसी नेता को संसद के अंदर मछली लेकर आते देखा है? खाने वाली बनी बनाई मछली नहीं पॉलिथीन में पैक बड़ी सी मछली, कम से कम 4-5 किलो की. शायद आपका जवाब ना होगा.

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सारा हैनसन-यंग ऑस्ट्रेलिया की संसद के अंदर मरी हुई बड़ी मछली लेकर पहुंचीं

क्या आपने कभी किसी नेता को संसद के अंदर मछली लेकर आते देखा है? खाने वाली बनी बनाई मछली नहीं पॉलिथीन में पैक बड़ी सी मछली, कम से कम 4-5 किलो की. शायद आपका जवाब ना होगा. लेकिन ऑस्ट्रेलिया में ठीक ऐसा ही हुआ है. 

ऑस्ट्रेलिया की एक सांसद ने बुधवार, 26 मार्च को देश की सीनेट में मरी हुई सैल्मन मछली लटकाते हुए सरकार पर औद्योगिक मछली फार्मों को प्रदूषित करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि सरकार ऐसा करने के लिए हर हथकंडे अपना रही है.

दरअसल ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले पर्यावरण एक्टिविस्टों ने यहां के द्वीप राज्य तस्मानिया में काम करने वाले सैल्मन फार्मों  पर सवाल उठाया है. इस फार्मों पर कूड़ा और मछली के मल से जलमार्गों को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया गया है.

ग्रीन्स सीनेटर सारा हैनसन-यंग ने कहा कि वह ऐसी सरकार से तंग आ चुकी हैं जिसने अधिक कड़े पर्यावरण मानकों को लागू करने से इनकार कर दिया है. "चुनाव से पहले, क्या आपने सड़े हुए, बदबूदार विलुप्त होने वाली सैल्मन मछली के लिए अपनी पर्यावरण संबंधी साख बेच दी है." यह सब उन्होंने लाइव टीवी पर कहा. फिर अपनी मेज के नीचे से मछली उठाने के लिए थोड़ी देर रुकीं.

उनके पीछे बैठे एक साथी ग्रीन्स सीनेटर बोल उठा: "बदबू आ रही है". फिर उन्हें तुरंत चैंबर से प्लास्टिक की थैली में बंद सैल्मन मछली को हटाने का आदेश दिया गया.

गौरतलब है कि कंजरवेटिव ग्रीन पार्टी को डर है कि सैल्मन फार्म देशी माउजियन स्केट के विलुप्त होने का कारण बन रहे हैं. लेकिन प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज ने इस इंडस्ट्री  को अपना समर्थन देने की कसम खाई है. इस इंडस्ट्री में तस्मानिया के सैकड़ों लोग काम करते हैं.

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