- सिडनी के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले में 15 लोगों की मौत हुई और लगभग चालीस घायल हैं
- हमला करने वाले आतंकी बाप साजिद अकरम की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई जबकि आतंकी बेटा नवीद घायल है
- नवीद की मां को भरोसा नहीं कि उनका बेटा ऐसा करेगा. उन्होंने कहा कि वो अच्छा बच्चा है.
ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के बोंडी बीच पर रविवार, 14 दिसंबर को हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया का सन्न करके रख दिया है. 15 मासूम लोगों की जान चली गई है जबकि लगभग 40 घायलों का इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है. एक यहूदी उत्सव के दौरान हुए इस जघन्य आतंकी ने वेरेना के लिए भी जिंदगी बदल दी है. उसके 50 वर्षीय के पति साजिद अकरम और 24 साल के बेटे नवीद अकरम ने ही इस आतंकी हमले को अंजाम दिया है. पुलिस के जवाबी हमले में पति साजिद की मौत हो चुकी है, जबकि पुलिस की गोलियों से घायल बेटा नवीद का इलाज चल रहा है. पूरी दुनिया ने नवीद को मासूम लोगों को मौत के घाट उतारते देखा लेकिन मां का कहना है कि उसका बेटा एक अच्छा बच्चा है.
आतंकी हमले के बाद के कुछ घंटों में ही बंदूक के साथ नवीद की तस्वीरें वायरल हो गई हैं. लेकिन वेरेना को विश्वास नहीं हो रहा है कि उनका बेटा हिंसक गतिविधियों में शामिल हो सकता है. उन्होंने कहा, "उसके पास बंदूक नहीं है. वह बाहर भी नहीं जाता है. वह दोस्तों के साथ नहीं मिलता है. वह शराब नहीं पीता है, वह स्मोकिंग नहीं करता है, वह बुरी जगहों पर नहीं जाता है... वह काम पर जाता है, वह घर आता है, वह व्यायाम करने जाता है और बस इतना ही... कोई भी मेरे बेटे जैसा बेटा पाना चाहेगा... वह एक अच्छा लड़का है."
नवीद राजमिस्त्री का काम करता था, लेकिन जिस कंपनी में वह काम करता था, वह दिवालिया हो गई तो कुछ महीने पहले उसे नौकरी से निकाल दिया गया. उसके पिता और मारे जा चुके आतंकी साजिद की फलों की दुकान थी. दोनों वेरेना, नवीद के भाई (20) और एक बहन (22) के साथ पश्चिमी सिडनी में एक घर में रहते थे, जिसे उन्होंने पिछले साल खरीदा था.
6 साल पहले मिले थे ISIS से लिंक
ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसी ने छह साल पहले नवीद की इस्लामिक स्टेट समूह से संबंध की जांच की थी. ऑस्ट्रेलिया के सरकारी ब्रॉडकास्टर ने सोमवार को यह जानकारी दी. पीएम अल्बनीज का कहना है कि नवीद पहली बार अक्टूबर 2019 में ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसी के ध्यान में आया था. तब उसकी जांच "दूसरों के साथ जुड़े होने के आधार पर" की गई थी. पीएम ने कहा कि खुफिया एजेंसी ने अपनी जांच (एसेसमेंट) में यह पाया यह कि उसके हिंसा में शामिल होने के किसी भी खतरे का कोई संकेत नहीं था और इसी लिए उसकी आगे जांच नहीं की गई.














