- सिडनी के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले में फल बेचने वाले अहमद अल अहमद ने निहत्थे होकर भी आतंकी से बंदूक छीन ली
- हमले के दौरान अहमद को दो गोलियां लगीं, एक बांह में और दूसरी हथेली के पास. अहमद अभी अस्पताल में भर्ती हैं
- पुलिस ने बताया कि हमलावर साजिद अकरम और उसका बेटा नवीद अकरम थे, जिन्होंने यहूदी उत्सव के दौरान हमला किया था
जब ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के बोंडी बीच (Bondi Beach Shootings) पर दो आतंकी जल्लाद बनकर गोलियां बरसा रहे थे, 10 साल की मासूम बच्ची से लेकर 87 साल के बुजुर्ग तक को मौत की घाट उतार रहे थे, तब वहां एक फरिश्ता भी आया था. एक ऐसा इंसान जो फल बेचकर अपनी जिंदगी गुजारता है, जिसने आजतक जिंदगी में बंदूक को हाथ नहीं लगाया था, वो एक आतंकी से निहत्थे भिड़ गया. उसने आतंकी के हाथ से बंदूक छीनकर न जाने कितनों की जान बचा ली. हालांकि ऐसा करते हुए खुद उसे दो गोलियां लग गईं और इस वक्त वो हॉस्पिटल में भर्ती है. यह कहानी है अहमद अल अहमद की, बोंडी बीच के फरिश्ते की.
43 साल के अहमद अल अहमद की इस बहादूरी को आज पूरी दुनिया जान रही है, उसे सलाम कर रही है. सोशल मीडिया पर वह वीडियो वायरल है जिसमें दिख रहा है कि अहमद कैसे पीछे से बंदूकधारी पर लपकते हैं, उसकी राइफल छीन लेते हैं और उसे जमीन पर गिरा देते हैं. हालांकि अहमद को खुद दो गोलियां लग गईं. एक बांह में और दूसरी हथेली के पास.
अहमद की हालत स्थित, ट्रंप ने भी की तारीफ
सदरलैंड शायर में अहमद की फलों की दुकान है. गौर करने वाली बात है कि आतंकी साजिद की भी फलों की दुकान है. यानी एक फल बेचने वाला फरिश्ता है तो दूसरा कातिल. अहमद के चचेरे भाई मुस्तफा ने 7न्यूज ऑस्ट्रेलिया को बताया कि डॉक्टरों ने बताया है किया है कि सर्जरी के बाद अहमद की हालत स्थिर है. मुस्तफा ने कहा, "वह एक हीरो है, वह सौ फीसदी हीरो है... अभी भी वह अस्पताल में है और हमें ठीक से नहीं पता कि अंदर क्या चल रहा है... लेकिन हमें उम्मीद है कि वह ठीक हो जाएगा."
ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका तक अहमद की तारीफ हो रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अहमद को "एक बहुत ही बहादुर व्यक्ति" कहा, जिसने कई लोगों की जान बचाई. न्यू साउथ वेल्स राज्य में ही सिडनी स्थित है. यहां के मुख्यमंत्री क्रिस मिन्न्स ने अहमद को "एक वास्तविक नायक" बताते हुए सराहना की है.
अहमद के लिए जनता जमा कर रही फंड
अहमद के लिए अब आम जनता पैसा जमा कर रही है. उनके नाम से कई GoFundMe कैंपेन शुरू किए गए हैं. केवल दो ऐसे कैंपेन में ही लगभग 10 करोड़ रुपए लोगों ने डोनेट कर दिया है.













