- एना चैपमैन को रूस के नए खुफिया संग्रहालय का प्रमुख नियुक्त किया गया है जो रूसी जासूसी की विरासत दिखाएगा
- यह संग्रहालय रूस की विदेशी खुफिया सेवा SVR से जुड़ा है और मॉस्को के गोर्की पार्क के पास स्थित है
- चैपमैन को 2010 में अमेरिका में रूसी स्लीपर सेल के रूप में गिरफ्तार किया गया था और उसपर जासूसी का आरोप था
कभी रूस की उस लाल बालों वाली 'ब्लैक विडो' पर लोगों को मोहित (सेड्यूस) करने पश्चिम देशों की खुफिया खबर निकलवाने आरोप लगा था. 2010 में संयुक्त राज्य अमेरिका से निर्वासित कुख्यात रूसी जासूस एना चैपमैन को एक नया मिशन मिल गया है- अब वो उन जासूसों की कहानी बताएगी जो कभी पकड़े नहीं गए. एना चैपमैन को नए बनाए गए रूसी खुफिया संग्रहालय (म्यूजियम ऑफ रशियन इंटेलिजेंस) का प्रमुख नियुक्त किया गया है.
यह म्यूजियम सीधे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की विदेशी जासूसी एजेंसी- SVR से जुड़ा हुआ है. यह विदेशी खुफिया सेवा के प्रेस कार्यालय के भीतर मॉस्को के गोर्की पार्क के पास रजिस्टर्ड है. इसमें रूसी जासूसी के इतिहास और "उपलब्धियों" को प्रदर्शित करने की उम्मीद है. SVR के वर्तमान प्रमुख और पुतिन के करीबी सहयोगी सर्गेई नारीशकिन की देखरेख में, यह म्यूजियम रूसी जासूसों की विरासत का जश्न मनाएगा, उसकी उपलब्धियों को दुनिया के सामने रखेगा.
तो कौन है यह रूस की 'ब्लैक विडो'
चैपमैन की कहानी एक स्पाई थ्रिलर फिल्म की तरह लगती है और एक समय के लिए, यह सच में ऐसी ही थी. 2010 में तो अमेरिकी की एजेंसी- FBI ने ऑपरेशन घोस्ट स्टोरीज के तहत रूसी स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे चैपमैन को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया था. एक दशक तक चली जांच में अमेरिका में "अवैध रूप से" रह रहे डीप-कवर ऑपरेटिव्स का पता चला था.
जब चैपमैन 2009 में अमेरिका के मैनहट्टन आई तो उसने अपने दोस्तों को बताया कि वह रियल एस्टेट में काम करती हैं. FBI ने बाद में खुलासा किया कि उसने रूसी अधिकारियों के साथ बात करने के लिए एक गुप्त वायरलेस नेटवर्क स्थापित किया और उसके लिए वह अपने लैपटॉप का उपयोग कर रही थी. उसने गिरफ्तारी होने से पहले 10 बार रूस को अपने खुफिया इनपुट ऐसे ही भेजे.
27 जून 2010 को चैपमैन और नौ अन्य एजेंट को गिरफ्तार कर लिया गया. ग्यारह दिन बाद, उन्होंने रूस के लिए गैरकानूनी एजेंटों के रूप में काम करने की साजिश रचने का अपराध स्वीकार कर लिया. अमेरिका ने एक हाई-प्रोफाइल जासूसी अदला-बदली के तहत इन 11 जासूसों को मास्को निर्वासित कर दिया. बदले में रूस ने अपने उन 4 जासूसों को मुक्त कर दिया जिन्होंने कथित तौर पर पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसी के साथ सहयोग किया था.