अमेरिका (USA) ने QUAD में भारत (India) की भूमिका के महत्व को दुनिया के सामने रखा है. अमेरिका के राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया है कि भारत चार देशों के गठबंधन, क्वाड को आगे बढ़ाने वाली ताकत है और क्षेत्रीय विकास का इंजन है. ऑस्ट्रेलिया (Australia) के मेलबर्न में क्वाड (QUAD) समूह के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति भवन, व्हाइट हाउस (White House) की ओर से यह बयान दिया गया है. QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक हिंद-प्रशांत (Indo Pacific ) क्षेत्र में चीन (China) के बढ़ते प्रभाव और यूक्रेन (Ukraine) को लेकर पश्चिम (West) और रूस के बीच बढ़ते तनाव सहित कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए रखी गई थी. भारत (India) , अमेरिका (US) , जापान (Japan) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) क्वाड (QUAD) के सदस्य देश हैं.
व्हाइट हाउस की प्रधान उप प्रेस सचिव कैरीन ज्यां पियरे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस बात को मानते हैं कि भारत समान सोच रखने वाला साझेदार, दक्षिण एशिया एवं हिंद महासागर में अग्रणी, दक्षिण पूर्व एशिया में सक्रिय एवं उससे जुड़ा हुआ, क्वाड को आगे बढ़ाने वाली शक्ति और क्षेत्रीय विकास का एक इंजन है.''
उन्होंने मेलबर्न में हुई बैठक के बारे में कहा, ‘‘यह यूक्रेन पर रूसी खतरे को लेकर चर्चा करने का अवसर था. उन्होंने उस खतरे पर चर्चा की, जो रूस के कारण न केवल यूक्रेन के लिए, बल्कि क्षेत्र और दुनिया में सुरक्षा एवं समृद्धि का दशकों से आधार रही अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था के लिए पैदा हुआ है.''
पियरे ने कहा कि अमेरिका एक ऐसी रणनीतिक साझेदारी बनाना जारी रखेगा, जिसमें अमेरिका और भारत दक्षिण एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करें, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, साइबर सुरक्षा जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग करें और आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को गहरा करें तथा हिंद प्रशांत को मुक्त एवं स्वतंत्र बनाने में योगदान दें.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक में कहा था कि भारत किसी एक देश द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का पालन नहीं करता, बल्कि बहुपक्षीय प्रतिबंधों को मानता है.
पियरे ने इस बयान को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हम विशिष्ट ब्योरे में नहीं जा रहे हैं. हम वास्तव में अपनी चर्चा को लेकर स्पष्ट हैं, इसलिए मैं, पिछले सप्ताह मेलबर्न में मंत्रियों की बैठक से जो पढ़ा गया है, उससे आगे के ब्योरे में नहीं जा रही हूं। लेकिन हम भारत सहित कई सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं."