US और Taliban की Qatar में फिर होगी मुलाकात, भूकंप के बाद Afghanistan में बिगड़े हाल पर होगी चर्चा

अफगानिस्तान (Afghanistan) में पिछले हफ्ते आए विनाशकारी भूकंप ने दर्शाया था कि देश की ध्वस्त हुई अर्थव्यवस्था कैसे अहम राहत कार्यों को करने में असफल है. बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तालिबान नेतृत्व के साथ उन तौर पर तरीकों पर काम कर रहे हैं जिसके तहत अफगानिस्तान सरकार को केंद्रीय बैंक के रिजर्व का इस्तेमाल देश में उत्पन्न गंभीर भुखमरी और गरीबी संकट से निपटने के लिए करने की अनुमति दी जाए.

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Afghanistan में भूकंप से 1,150 लोगों की मौत हुई जबकि हजारों हुए घायल : Taliban (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इस्लामाबाद:

अफगानिस्तान (Afghanistan) में सत्तारूढ़ तालिबान (Taliban) के नेतृत्व वाली सरकार के वित्त और केंद्रीय बैंक के अधिकारी बुधवार को अमेरिका के राजकोषीय मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए बुधवार को कतर (Qatar) रवाना हुए. यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब पिछले हफ्ते आए विनाशकारी भूकंप ने दर्शाया था कि देश की ध्वस्त हुई अर्थव्यवस्था कैसे अहम राहत कार्यों को करने में असफल है. संयुक्त राष्ट्र (UN) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते दक्षिण पूर्वी अफगानिस्तान में आए भूकंप में करीब 770 लोगों की मौत हुई है. लेकिन तालिबान ने मृतकों की संख्या 1,150 बताई है जबकि हजारों अन्य घायल हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गत दो दशक में आए सबसे विनाशकारी भूकंप में जान गंवाने वालों में 155 बच्चे भी शामिल हैं.

भूकंप की वजह से पाक्तिका और खोश्त सूबे में करीब तीन हजार मकान या तो ध्वस्त हो गए हैं या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं.

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तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हफीज जिया अहमद ने तालिबान सरकार के अधिकारियों और अमेरिकी अधिकारियों की बैठक की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि अफगान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेशमंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी कर रहे हैं.

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अहमद ने बताया कि (अफगान)अधिकारी कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान के लिए नियुक्त विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि और अमेरिकी राजकोष मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र पर चर्चा करेंगे.

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वाशिंगटन पोस्ट अखबार ने सबसे पहले मंगलवार को खबर दी कि (अमेरिकी राष्ट्रपति जो) बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तालिबान नेतृत्व के साथ उन तौर पर तरीकों पर काम कर रहे हैं जिसके तहत अफगानिस्तान सरकार को केंद्रीय बैंक के रिजर्व का इस्तेमाल देश में उत्पन्न गंभीर भुखमरी और गरीबी संकट से निपटने के लिए करने की अनुमति दी जाए, साथ ही सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं ताकि इस धन का दुरुपयोग न हो.

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गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में काबुल पर तालिबान का कब्जा होने पर बाइडन प्रशासन ने विदेश में मौजूद अफगान केंद्रीय रिजर्व की नौ अरब डॉलर की राशि पर रोक लगा दी थी.

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