अमेरिका में सोशल मीडिया खंगालने के बाद ही एंट्री, वीजा के लिए आज से ये नियम लागू

विदेश विभाग ने कहा, "इस जांच को आसान बनाने के लिए, H-1B और उनके आश्रितों (H-4), F, M, और J नॉन-इमिग्रेंट वीजा के सभी आवेदकों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर प्राइवेसी सेटिंग्स को 'पब्लिक' पर सेट करें."

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  • अमेरिका ने H-1B और H-4 वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया प्रोफाइल की सार्वजनिक समीक्षा अनिवार्य की
  • यह नया नियम पहले केवल छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स के लिए था, अब H-1B वीजा धारकों पर भी लागू किया गया
  • सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच से US प्रशासन वीजा प्रक्रिया में राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहता है
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न्यूयॉर्क:

अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने वीजा प्रोसेस को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है. सोमवार से H-1B वीजा और उसके आश्रित H-4 वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया प्रोफाइल की बड़ी गहनता से जांच शुरू की जाएगी. यह कदम वीजा स्क्रीनिंग और वेटिंग को और सख्त बनाने के लिए उठाया गया है. एक नए आदेश में, विदेश विभाग ने कहा कि 15 दिसंबर से, सभी H-1B आवेदकों और उनके आश्रितों की ऑनलाइन मौजूदगी की समीक्षा की जाएगी.

क्या है नया नियम?

अमेरिकी विदेश मंत्रालय (State Department) ने आदेश जारी करते हुए कहा कि 15 दिसंबर यानी की सोमवार से सभी H-1B और H-4 वीजा आवेदकों की ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी. इससे पहले यह नियम केवल छात्रों और एक्सचेंज विजिटर वीजा (F, M और J कैटेगरी) पर लागू था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर H-1B और H-4 धारकों पर भी लागू किया गया है.

सोशल मीडिया प्रोफाइल को करना होगा पब्लिक

नए निर्देश के मुताबिक, सभी वीजा आवेदकों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्राइवेसी सेटिंग्स को “पब्लिक” करना होगा. इसमें H-1B और H-4 के अलावा F, M और J वीज़ा कैटेगरी के छात्र और एक्सचेंज विजिटर भी शामिल हैं. इस नए नियम के चलते कई H-1B वीजा धारकों के इंटरव्यू भारत में रीशेड्यूल किए गए हैं. अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि वीजा कोई अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है, और इसके प्रोसेस में राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है.

आखिर क्यों उठाया गया यह कदम?

ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वीजा जारी करने की प्रक्रिया में सतर्क रहना बेहद जरूरी हो गया है ताकि कोई भी व्यक्ति अमेरिका में प्रवेश कर देश की सुरक्षा या हितों को नुकसान न पहुंचा सके.  हर आवेदक को यह साबित करना होगा कि वह वीजा की शर्तों के अनुरूप गतिविधियों में शामिल होगा.

इमिग्रेशन पर बढ़ती सख्ती

यह कदम ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन पर बढ़ती सख्ती का हिस्सा है. हाल के महीनों में H-1B वीजा प्रोग्राम में दुरुपयोग रोकने के लिए कई बड़े बदलाव किए गए हैं. भारतीय प्रोफेशनल्स, खासकर टेक्नोलॉजी सेक्टर और डॉक्टरों में H-1B वीजा धारकों की संख्या सबसे अधिक है.

हाल के अन्य बदलाव

सितंबर में ट्रंप ने ‘Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers' नामक प्रोक्लेमेशन जारी किया था।
नए H-1B वर्क वीज़ा पर एक बार का शुल्क 100,000 अमेरिकी डॉलर तय किया गया. ग्रीन कार्ड, अमेरिकी नागरिकता और अन्य इमिग्रेशन आवेदन को 19 “संवेदनशील देशों” के लोगों के लिए रोक दिया गया. ट्रैवल बैन वाले देशों के लिए शरण (Asylum) आवेदन भी होल्ड पर रखे गए हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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