इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध के बीच अमेरिका ने लेबनान में अपने दूतावास से ऐसे कर्मचारियों को वापस बुला लिया है, जिनकी वहां फिलहाल जरूरत नहीं है. अमेरिका ने यह फैसला इजरायल और हमास युद्ध के बीच बिगड़े हालात को देखते हुए लिया है. एएफपी के अनुसार द स्टेट डिपार्टमेंट ने भी लेबनान के लिए अपनी ट्रैवल एडवाइजरी को जुलाई में जारी स्तर तीन से बढ़ाकर उच्चतम स्तर चार कर दिया. साथ ही उसने अमेरिकियों को लेबनान जाने से बचने को भी कहा है. मंगलवार को एक जारी बयान में द स्टेट डिपार्टमेंट में कहा गया है कि फिलहाल लेबनान की यात्रा से बचें. इसकी एक वजह इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी हमला भी है.
बता दें इस महीने की सात तारीख को हमास ने इजरायल पर आज तक का सबसे बड़ा हमला किया. इस हमले में 1400 से ज्यादा इजरायली मारे गए. जिनमें खास तौर पर आम नागरिक शामिल थे.अपने ऊपर हुए आज तक के सबसे बड़े हमले का जवाब देते हुए इजरायल ने गाजा पट्टी पर रॉकेट दागना शुरू किया. इस हमले में तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें खास तौर पर आम नागरिक शामिल हैं. लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह, जो हमास की तरह ईरान द्वारा समर्थित है, तब से इज़राइल के साथ दक्षिण लेबनानी सीमा जंग जैसे हालात में है.
गाजा के अस्पताल में हुए हमले में सैंकड़ों लोगों की मौत के बाद हिजबुल्ला ने कहा है कि ये बदले का दिन है. इज़रायल और फिलिस्तीन ने अस्पताल में हुए हमले के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाया है. हालांकि, अभी तक किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
एएफपी संवाददाताओं के अनुसार, हिजबुल्लाह के आह्वान के बाद, बेरूत के उपनगर अवकार में अमेरिकी दूतावास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार रात लेबनानी सुरक्षा बलों के साथ हाथापाई की, जहां प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और एक इमारत में आग लगा दी. बेरूत में फ्रांसीसी दूतावास पर भी सैकड़ों लोग एकत्र हुए, उन्होंने हिजबुल्लाह के झंडे लहराए और पत्थर भी फेंके, जो दूतावास के मुख्य द्वार पर जमा हो गए.














