दुनिया के 40 देशों में अमेजॉन (Amazon) के गोदाम में काम करने वाले कर्मचारियों ने अमेजॉन की ब्लैक-फ्राइडे सेल (Black-Friday Sale) का बहिष्कार करने की योजना बनाई है. ब्लूमबर्ग के अनुसार, यह ब्लैक फ्राइडे सेल, अमेजॉन के लिए साल में ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) के सबसे व्यस्त दिन होते हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और पूरे यूरोप के कर्मचारी बेहतर तनख्वाह और काम के हालात की मांग कर रहे हैं जब जीवन-यापन का संकट गहरा रहा है. यह कर्मचारी एक कैंपेन चला रहे हैं, जिसे "मेक अमेजॉन पे" (Make Amazon Pay) कहा जा रहा है.
यह कैंपेन ट्रेड यूनियन्स के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन से चलाया जा रहा है. इसे पर्यावरण और सिविल सोसायटी ग्रुप्स का समर्थन मिल रहा है.
इस कैंपेन के आयोजकों में से एक UNI ग्लोबल यूनियन के जनरल सेक्रेट्री क्रिस्टी हॉफमैन ने कहा, समय आ गया है कि बड़ी टेक कंपनियां अपने गंदे, असुरक्षित तरीकों को तुरंत बंद करें, कानून का पालन करें और उन कर्मचारियों के साथ बात-चीत करें जो चाहते हैं कि उनका काम बेहतर हो."
दुनिया की सबसे बड़े ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन में कर्मचारियों के साथ तनाव लंबे समय से बना हुआ है. यहां कर्मचारी अन्यायपूरण मज़दूर शर्तों की शिकायत करते हैं. कंपनी कर्मचारियों के एक्टिविज़्म और कुछ जगहों पर यूनियनबाज़ी का भी सामना कर रही है. इस साल की शुरुआत में न्यूयॉर्क के स्टेटन आइलैंड के गोदाम कर्मचारियों ने भी एक नई यूनियन बनाने के लिए वोट किया था.
अमेजॉन के प्रवक्ता डेविड नीबर्ग ने कहा, जबकि हम किसी क्षेत्र में पर्फेक्ट नहीं हैं, अगर आप वस्तुत: देखोगे तो पाओगे कि अमेजॉन इन ज़रूरी मुद्दों पर क्या कर रहा है और हम अपनी भूमिका और प्रभाव को कितना गंभीरता से लेते हैं."
उन्होंने कहा कि कंपनी साल 2040 तक नेटज़ीरो ग्रीनहाउस गैस इमीशन का लक्ष्य रखती है और वह इसके साथ प्रतिस्पर्धात्मक तनख्वाह और बड़े फायदे दे रही है. साथ ही अपने कर्मचारियों को सुरक्षित और स्वस्थ्य रखने के लिए नए तरीके निकाल रहे हैं."
फ्रांस और जर्मनी की यूनियन 18 बड़े गोदामों में हड़ताल कर रही हैं, जिससे बड़े यूरोपीय बाजार में शिपमेंट में देरी हो सकते ही.
जर्मनी में अमेजॉन की एक कमिटी की हेड का कहना है कि कर्मचारी मुख्यतौर पर इसेलेकर चिंतित हैं कि उनकी उत्पादकता पर कंप्यूटर के ज़रिए करीबी नज़र रखी जाती है. उनके टार्गेट एल्गोरिदम से बनते हैं , उदाहरण के तौर पर एक घंटे में उन्हें कितने पैकेज हैंडल किए.
उन्होंने कहा, कर्मचारी इन एल्गोरिदम के कारण भारी दबाव में रहते हैं, और यह कर्मचारी की उम्र का ख्याल भी नहीं रखती.