महारानी एलिज़ाबेथ के राजकीय अंतिम संस्कार (Queen Elizabeth State Funeral) से पहले भारत (India) की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu ) ने महाराज चार्ल्स III (King Charles) से बकिंघम पैलेस में रविवार को मुलाकात की. राष्ट्रपति मूर्मू ने लंदन स्तिथ बकिंघम पैलेस के पास लैंसेस्टर हाउस में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के लिए रखी गई शोक संदेश पुस्तिका पर भी हस्ताक्षर किए. राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट कर बताया, " राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने महारानी एलिज़ाबेथ की याद में लंदन के लैंसेस्टर हाउस में महारानी की याद में शोक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए". इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मू ने वेस्टमिंस्टर हॉल में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के ताबूत को अपनी श्रद्धांजलि दी.
राष्ट्रपति सितंबर से 17 से 19 तक ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा पर हैं. राष्ट्रपति मुर्मू सोमवार को होने वाले राजकीय अंतिम संस्कार समारोह में भारत सरकार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंची हैं.
वह शनिवार को लंदन के गैटविक एयरपोर्ट पर पहुंचीं थीं ताकि वेस्टमिंस्टर एबी में महारानी द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल हुआ जा सके.
राष्ट्रपति मुर्मू और उनके साथ गए प्रतिनिधिमंडल का का विमान गैटविक एयरपोर्ट पर भारतीय समय के अनुसार 20:50 पर पहुंचा. उनके साथ विदेश सचिव विनय क्वात्रा भी मौजूद हैं. इसके बाद वह उस होटल के लिए निकलीं जहां उन्हें ठहराया गया है.
महारानी के अंतिम संस्कार में दुनियाभर के शाही परिवार के सदस्यों समेत करीब 500 विश्व नेता शामिल होंगे. अंतिम संस्कार वेस्टमिंस्टर एबे में होगा, जिसमें करीब 2,000 लोगों के शामिल होने की संभावना है. शोक समारोह स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे शुरू होगा और एक घंटे बाद पूरे देश में दो मिनट के मौन के बाद समाप्त होगा.
राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लंदन पहुंच गई हैं.'' महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का आठ सितंबर को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. महारानी का पार्थिव शरीर वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा गया है और उनका अंतिम संस्कार सोमवार सुबह वेस्टमिंस्टर एबे में किया जाएगा.
राष्ट्रपति मुर्मू को रविवार शाम महाराजा चार्ल्स द्वितीय और क्वीन कंसोर्ट कैमिला द्वारा बकिंघम पैलेस में विश्व नेताओं के लिए आयोजित एक भोज में भी आमंत्रित किया गया. इस ‘आधिकारिक राजकीय कार्यक्रम' में ब्रिटेन आए लगभग सभी राष्ट्राध्यक्षों और आधिकारिक विदेशी शामिल हुए.