गरीबी, राजनीतिक हिंसा या सेना की महत्वकांक्षा... अफ्रीका में बार-बार क्यों होता है तख्तापलट? Explained

मेडागास्कर ही नहीं वर्ष 2020 के बाद से, सैन्य अधिकारियों ने बुर्किना फासो, चाड, गैबॉन, गिनी, माली, नाइजर और सूडान में भी तख्तापलट करके सत्ता हथिया ली है.

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  • मेडागास्कर में सेना ने सशस्त्र विरोधों के बाद सत्ता पर कब्जा किया है, जिसे ‘Gen Z’ ने नेतृत्व दिया
  • तख्तापलट कार्यकारी शक्ति का अवैध कब्जा होता है, जिसमें सुरक्षा कर्मी या असैन्य अधिकारी शामिल होते हैं
  • अफ्रीका में तख्तापलट की घटनाएं अधिक होती हैं, 2020 के बाद आठ देशों में दस सफल तख्तापलट हुए हैं
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जो लोग तख्तापलट के माध्यम से सत्ता में आते हैं, उनका पतन भी वैसे ही होता है... यह मेडागास्कर की घटनाओं से सीख लेने वाली बातों में से एक है, जहां 14 अक्टूबर, 2025 को सेना ने कई सप्ताह तक हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सत्ता पर कब्जा कर लिया, जिसका नेतृत्व मुख्य रूप से ‘जेन जेड' ने किया था. विडंबना यह है कि यह वही विशिष्ट सैन्य इकाई थी जिसने मार्च 2009 में राजधानी एंटानानारिवो के पूर्व मेयर एंड्री राजोइलिना को सत्ता में लाने में मदद की थी, जिसने अब सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया और अंततः राष्ट्रपति को भागने पर मजबूर कर दिया.

मैं एक शोध दल का नेतृत्व करता हूं जो तख्तापलट के प्रकारों और विशेषताओं के ‘कोल्पस डेटासेट' को संकलित करता है और मैंने 1946 से 2025 तक के तख्तापलट के इतिहास पर लिखा है. हमारे आंकड़े बताते हैं कि हालांकि दुनियाभर में तख्तापलट की घटनाओं में कमी आई है, फिर भी अफ्रीका में तख्तापलट का जोखिम तुलनात्मक रूप से अधिक बना हुआ है. वर्ष 2020 से, इस महाद्वीप में आठ देशों में 10 सफल तख्तापलट हुए हैं.

लेकिन मेडागास्कर में सैन्य तख्तापलट, उस अवधि में साहेल क्षेत्र के बाहर होने वाला दूसरा तख्तापलट है, जो अटलांटिक से लेकर अफ्रीका के हॉर्न तक फैला हुआ है - यह संकेत है कि अफ्रीका की तख्तापलट समस्या एक महाद्वीपीय समस्या बनती जा रही है.

कुछ तख्तापलट सफल क्यों होते हैं और कुछ असफल? और मेडागास्कर और अफ्रीका के कई राज्यों को तथाकथित तख्तापलट के जाल से बचने में परेशानी क्यों होती है? हमारे आंकड़े कुछ जवाब देते हैं. लेकिन पहले, यह जानना जरूरी है कि जब हम तख्तापलट शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो हमारा क्या मतलब होता है.

तख्तापलट क्या है?

तख्तापलट कार्यकारी शक्ति पर कब्जा है जिसमें सुरक्षा कर्मियों या असैन्य अधिकारियों द्वारा एक या एक से अधिक ठोस, अवलोकनीय और अवैध कार्य शामिल होते हैं. यहां, मेडागास्कर का सैन्य तख्तापलट सही प्रतीत होता है. देश के नये सैन्य नेता कर्नल माइकल रैंड्रियनिरिना के इस दावे के बावजूद कि उनके पास उच्च संवैधानिक अदालत का एक आदेश है जो सत्ता पर उनके कब्जे को वैध ठहराता है, यह दावा एक दिन पहले दिए गए बयानों से विरोधाभासी प्रतीत होता है कि रैंड्रियनिरिना की सैन्य परिषद ने उच्च न्यायालय की शक्तियों को निलंबित कर दिया था.

इसका यह अर्थ नहीं है कि हर राजनीतिक घटना जो तख्तापलट जैसी लगती है, वास्तव में तख्तापलट ही होती है.

हमारी दृष्टि में, नेता को अपदस्थ करने के प्रयास के बिना रची गई साजिश तख्तापलट नहीं है. इसके विपरीत, सत्ता हथियाने की योजना के बिना किसी नेता को निशाना बनाने की कोशिशें तख्तापलट नहीं कहलातीं. इसमें राजनीतिक विरोधियों या अकेले लड़ाकों द्वारा नेता की हत्या के प्रयास या असंतुष्ट सैनिकों द्वारा विद्रोह शामिल हैं, जो उच्च वेतन, पदोन्नति या अन्य नीतिगत रियायतों की मांग के लिए राष्ट्रपति भवन तक मार्च भी कर सकते हैं.

न ही अधिकांश नागरिक-नेतृत्व वाले जन-विद्रोहों में तख्तापलट होता है, भले ही वे सरकार को गिराने में सफल हों. नेपाल का ही उदाहरण लीजिए, जहां सितंबर में ‘जेन जेड' के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया गया.

मेडागास्कर में, ज्यादातर शांतिपूर्ण नागरिक विरोध प्रदर्शन तख्तापलट के प्रयास में बदल गए जब सैनिकों ने सक्रिय रूप से प्रदर्शनों में भाग लिया. यह प्रयास तब सफल हुआ जब विशिष्ट ‘कैपसैट' बल के कमांडर रैंड्रियनिरिना ने अंतरिम राष्ट्रपति पद का दावा किया और इस बात पर जोर दिया कि फिलहाल एक सैन्य परिषद शासन करेगी.

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तख्तापलट क्यों सफल होते हैं?

हमारे आंकड़ों के अनुसार, 1946 से अब तक 601 तख्तापलट के प्रयास हुए हैं, जिनमें से 299 सफल रहे हैं – यानी लगभग 50 प्रतिशत. उस दौरान अफ्रीका में, 225 में से 111 तख्तापलट के प्रयास सफल रहे. तख्तापलट कई रूपों में होते हैं, अलग-अलग कारणों और परिणामों के साथ, और सभी के सफल होने की संभावना समान नहीं होती. हालांकि, मेडागास्कर की घटनाएं तख्तापलट की सफलता को निर्धारित करने वाले कई कारकों पर खरी उतरती हैं.

मेडागास्कर में, हमने राजधानी में सरकारी अभिजात वर्ग और वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी, बड़े पैमाने पर तख्तापलट समर्थक लामबंदी, तख्तापलट की हिंसा के निम्न स्तर और पहले के सफल तख्तापलटों का इतिहास देखा - ये सभी बातें तख्तापलट की सफलता को संभव बनाती हैं.

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मेडागास्कर अकेला नहीं है

वर्ष 2020 के बाद से, सैन्य अधिकारियों ने बुर्किना फासो, चाड, गैबॉन, गिनी, माली, नाइजर और सूडान में भी तख्तापलट करके सत्ता हथिया ली है. तो फिर इतने सारे अफ्रीकी देश तख्तापलट के जाल में क्यों फंस रहे हैं? विद्वान दशकों से यह सवाल पूछते आ रहे हैं. अर्थशास्त्री पॉल कोलियर का सुझाव है कि अफ्रीका तख्तापलट के मद्देनजर सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र है क्योंकि यह दुनिया का सबसे गरीब क्षेत्र है और गरीबी, कम विकास दर और उससे जुड़ी राजनीतिक हिंसा ही तख्तापलट को बढ़ावा देती है.

(यह आर्टिकल कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के जॉन जोसेफ चिन ने द कन्वरसेशन के लिए लिखा है.)

यह भी पढ़ें: GEN Z ने की नेपाल से भी बड़ी बगावत... इस देश के राष्ट्रपति जान बचाकर भागे, सेना भी विद्रोही हुई

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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