जानी मानी अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे पर हैरत जताई है, साथ ही मलाला ने कहा कि वह संकटग्रस्त देश में रह रही महिलाओं,अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए चिंतित हैं. पाकिस्तान की मलाला को लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज उठाने पर तालिबानी आतंकवादियों ने स्वात इलाके में सिर पर गोली मारी थी. गंभीर रूप से घायल मलाला का पहले पाकिस्तान में उपचार हुआ फिर बेहतर उपचार के लिए उसे ब्रिटेन ले जाया गया.
हमले के बाद तालिबान ने एक बयान जारी करके कहा था कि अगर मलाला बच जाती है तो वह उस पर फिर से हमला करेगा. मलाला ने वैश्विक तथा क्षेत्रीय शक्तियों से तत्काल संघर्ष विराम कराने की मांग की तथा अफगानिस्तान में नागरिकों को मदद करने की अपील की.
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उन्होंने रविवार को ट्वीट किया, ‘तालिबान ने अफगानिस्तान को कब्जे में लिया है और हम यह स्तब्ध हो कर देख रहे हैं. मैं महिलाओं,अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए चिंतित हूं.' मलाला ने लिखा, ‘वैश्विक और क्षेत्रीय ताकतों को तत्काल संघर्ष विराम की मांग करनी चाहिए. तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराएं, शरणार्थियों और नागरिकों की रक्षा करें.'
गौरतलब है कि विदेशी सैनिकों के निकलने के बीच तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया है और रविवार को वे राजधानी काबुल पहुंच गए और उन्होंने राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया. राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर चले गए हैं और अब हर कहीं अफरातफरी का माहौल है.