कोविड-19 टीके की खुराकों को मिलाना सुरक्षित, लेकिन दुष्प्रभाव बढ़ता है : ब्रिटिश अध्ययन

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में बाल रोल एवं टीककारण विशेषज्ञ व एसोसिएट प्रोफेसर मैथ्यु स्नेप ने कहा, ‘‘अध्ययन के नतीजों से संकेत मिलता है कि टीके की खुराक मिलाने से टीकाकरण के बाद काम से अनुपस्थित रहने के दिनों में वृद्धि हो सकती है

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लंदन:

कोरोना वायरस से प्रतिरक्षण के लिए तैयार दो तरह के टीकों की खुराक को मिलाना सुरक्षित है लेकिन इससे हल्के से मध्यम स्तर के लक्षण उभरने की आशंका बढ़ जाती है. यह दावा ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में किया गया है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने कॉम-कोव नाम से अध्ययन यह जानने के लिए किया कि फाइजर/बायोनटेक का टीका लगाने के बाद ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की दूसरी खुराक (इसी प्रकार एस्ट्राजेनेका के बाद फाइजर का टीका लगाने पर) पर प्रतिरक्षण प्रणाली कैसे प्रक्रिया करती है. मेडिकल जर्नल ‘लांसेट' में बुधवार को प्रकाशित रिपार्ट के मुताबिक अनुसंधान टीम ने कहा कि दो तरह के टीकों को मिलाने से अल्पकालिक लक्षण आते हैं लेकिन सुरक्षा संबंधी चिंता की कोई बात नहीं है. वैज्ञानिकों ने कहा कि इस स्तर के नतीजों ‘प्रक्रियात्मकता' के स्तर पर है यानी कि लोग टीकाकरण के बाद कैसा महससू करते हैं न कि प्रतिरक्षण को लेकर यानी कि दो तरह के टीके की खुराक लेने पर प्रतिरोधक क्षमता पर क्या असर होता है.

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ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में बाल रोल एवं टीककारण विशेषज्ञ व एसोसिएट प्रोफेसर मैथ्यु स्नेप ने कहा, ‘‘अध्ययन के नतीजों से संकेत मिलता है कि टीके की खुराक मिलाने से टीकाकरण के बाद काम से अनुपस्थित रहने के दिनों में वृद्धि हो सकती है और स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण की योजना बनाते वक्त इस तथ्य पर विचार करना अहम है.'' उन्होंने कहा, ‘‘यह अहम है कि इससे सुरक्षा संबंधी चिंता सामने नहीं आई है या संकेत नहीं मिले हैं. यह हमें नहीं बताता कि क्या प्रतिरक्षण प्रभावित होती या नहीं. हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित आंकड़े आने वाले महीनों में आएंगे.''

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि टीकों की खुराक मिलाने से हल्के लक्षण जैसे ठंड लगना, थकान, सिरदर्द और बुखार हो सकता है लेकिन यह थोड़े समय के लिए होगा. उन्होंने बताया कि यह अध्ययन 50 या इससे अधिक उम्र के लोगों पर किया गया और युवाओं में ऐसे लक्षण अधिक हो सकते हैं. अध्ययन कर्ताओं ने बताया कि अनुसंधान में शामिल 800 प्रतिभागी शामिल थे. उन्होंने बताया कि चार सप्ताह के अंतर पर एस्ट्राजेनेका की ही दोनों खुराक (इसी प्रकार फाइजर की दोनों खुराक) देने पर 10 में से केवल एक ने बुखार की शिकायत की. वहीं एक खुराक एस्ट्राजेनेका और दूसरी खुराक फाइजर की देने पर 34 प्रतिशत लोगों ने बुखार की शिकायत की.

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पिछले महीने इस अध्ययन का और विस्तार किया गया और 1050 प्रतिभागियों पर मॉडर्ना और नोवावैक्स कोविड टीके के असर को लेकर अध्ययन किया जा रहा है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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