पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए हमले की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने कहा है कि गोलीबारी चार अलग-अलग जगहों से की गई थी और इसमें गिरफ्तार किए गए संदिग्ध के अलावा हमले में तीन और हमलावर शामिल थे.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष खान को तीन नवंबर को दाएं पैर में तब गोली लगी थी, जब दो बंदूकधारियों ने लाहौर से करीब 150 किमी दूर वजीराबाद इलाके में उनके कंटेनर ट्रक पर गोलियों की बौछार कर दी थी. खान उस समय मध्यावधि चुनाव के लिए दबाव बनाने के वास्ते ‘लॉंग मार्च' का नेतृत्व कर रहे थे.
डॉन अखबार ने मंगलवार को जेआईटी के एक सदस्य के हवाले से कहा, 'मौके से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध नवीद मेहर द्वारा की गई गोलीबारी के अलावा, तीन अज्ञात हमलावरों ने भी काफी ऊंचाई से गोलीबारी की थी.'
लाहौर के पुलिस प्रमुख गुलाम महमूद डोगर के नेतृत्व वाली जेआईटी ने कहा कि विरोध रैली के दौरान कंटेनर ट्रक पर खड़े खान को तीन गोलियां लगीं. हमले के दौरान कुल 13 लोगों को गोली लगी थी.
जेआईटी ने पीटीआई की रैली में सुरक्षा व्यवस्था में 'कुछ कुप्रबंधन' का भी संकेत दिया. इससे पहले, पंजाब के गृह मंत्री उमर सरफराज चीमा ने कहा था कि खान पर हमला एक 'सोची-समझी साजिश' का हिस्सा था. इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अताउल्लाह तरार ने मंगलवार को खान पर हमले के सिलसिले में पीएमएल-एन के दो कार्यकर्ताओं-मुदस्सर और अहसान की ''अवैध हिरासत'' को चुनौती देते हुए लाहौर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
तरार ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा कि जेआईटी ने पीएमएल-एन के दो कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया है. मुख्य संदिग्ध नवीद और उसका चचेरा भाई मुहम्मद वकास जेआईटी की हिरासत में हैं.
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