पाकिस्तान में दिखा तूफान बिपरजॉय का असर, 82000 लोग शेल्टर होम में कराए गए शिफ्ट

वर्तमान में ‘‘बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान’’ में तब्दील हो चुका बिपारजॉय पाकिस्तान के करीब पहुंच रहा है, जिसकी वजह से अधिकारी जानमाल के संभावित नुकसान को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 28 mins
गुरुवार शाम साढ़े छह बजे बिपरजॉय तूफान गुजरात के कच्छ-सौराष्ट्र से टकराया था.
इस्लामाबाद/कराची:

चक्रवात बिपारजॉय के गुरुवार को पाकिस्तान के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने से पहले देश के दक्षिणी सिंध प्रांत में 82,000 से ज्यादा लोगों को उनके घरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. चक्रवात के प्रभाव से कई शहरों में भारी बारिश और बाढ़ की संभावना है और इससे निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं.

‘बिपारजॉय' का अर्थ बांग्ला में आपदा या विपदा होता है. वर्तमान में ‘‘बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान'' में तब्दील हो चुका बिपारजॉय पाकिस्तान के करीब पहुंच रहा है, जिसकी वजह से अधिकारी जानमाल के संभावित नुकसान को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं.

‘‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान'' के सिंध के थट्टा जिले में केटी बंदरगाह और भारत में कच्छ जिले के बीच पहुंचने की संभावना है. पाकिस्तान के मौसम विभाग द्वारा गुरुवार की शाम जारी ताजा अपडेट के अनुसार, चक्रवात और पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है और अब यह कराची से करीब 245 किलोमीटर दक्षिण में, थट्टा से 200 किलोमीटर दक्षिण में और केटी बंदरगाह से 150 किलोमीटर दक्षिण में है.

Advertisement

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय समन्वय मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि चक्रवात ‘बिपारजॉय' की ‘गति कम' हो गई है और यह रात से पहले नहीं टकराएगा. मंत्री ने इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले अनुमान था कि चक्रवात सुबह करीब 11 बजे तट से टकराएगा. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उसकी गति घटकर 6-7 किलोमीटर प्रतिघंटा रह गई है, उसके टकराने का समय भी देर हो गया है और अब उसे रात होने के बाद तट से टकराने की संभावना है.''

Advertisement

हालांकि मंत्री ने कहा है कि चक्रवात की गति कम हो गई है, लेकिन यह अभी भी गंभीर बना हुआ है और पहले से चिन्हित स्थान अभी भी खतरे की जद में हैं और उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है. शेरी ने कहा, ‘‘हमने पहले चार जिलों को खतरे की जद में कहा था. थट्टा, बादिन, सुजावल और मालीर (कराची)। लेकिन, अब जबकि रास्ता उत्तर-पूर्व की ओर हो गया है, थारपाकड़ क्षेत्र को भी चक्रवात के प्रभाव को लेकर सचेत रहने की जरूरत है.''

Advertisement

उन्होंने बताया कि प्रभावित तटवर्ती क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम पूरा हो गया है और अभी तक करीब 82,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है. मंत्री ने कहा, ‘‘नौसेना, पुलिस बल, रेंजर्स सहित सभी संस्थाएं इसमें मदद कर रही हैं.'' उन्होंने कहा कि फिलहाल वायुसेना की जरूरत नहीं है और जरूरत पड़ने पर वह मदद करेगी.

Advertisement

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चक्रवात से निपटने के लिए एहतियाती कदम के तहत वे तटीय इलाकों से हजारों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं और अन्य इंतजाम करें. उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘मैंने अभी सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह से बात की और चक्रवात से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की. मैं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सिंध सरकार द्वारा की गई व्यवस्था की सराहना करता हूं. मैंने सिंध सरकार को संघीय सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. अल्लाह ने चाहा तो जनता के सहयोग से हम इस स्थिति से उबर जाएंगे.''

पाकिस्तान ने तटीय क्षेत्रों में बचाव कार्यों में मदद के लिए नागरिक प्रशासन और सशस्त्र बलों के कर्मियों को पहले से ही तैनात कर दिया है. जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि कराची पर तत्काल कोई खतरा नहीं है, लेकिन देश के आर्थिक केंद्र को नुकसान पहुंचाने वाली हवाओं और बारिश से निपटने के लिए आपातकालीन उपाय किए जा रहे हैं.

पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अलर्ट के अनुसार, चक्रवात बिपारजॉय के प्रभाव से भारत के गुजरात राज्य में मांडवी और कराची के बीच 325 किलोमीटर के लंबे तटीय क्षेत्र में तेज हवाएं, तूफानी लहरें कहर ढाएंगी और तेज बारिश होगी.

इससे पहले सिंध के सूचना मंत्री शरजील मेमन ने संवाददाताओं को बताया था कि अब तक थट्टा, केटी बंदर, सुजावल, बादिन, उमेरकोट, थारपारकर, शहीद बेनजीराबाद, टंडो मुहम्मद खान, टंडो अल्लायार और संघार में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों को मजबूत इमारतों वाले सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में आश्रय दिया गया है और पर्याप्त भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.

मेमन ने कहा कि थट्टा, केटी बंदर और सुजावल के कई इलाकों में कुछ परिवार अपने घर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें वहां से जबरन हटाना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोग भी हैं जो स्वेच्छा से सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे.''

ऊर्जा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने चक्रवात के कारण पाकिस्तान में आरएलएनजी (री-गैसीफाइड तरलीकृत प्राकृतिक गैस-आधारित) आपूर्ति बाधित होने से नागरिकों को ‘‘आरएलएनजी-आधारित बिजली उत्पादन में अस्थायी कमी और लोड-शेडिंग में अस्थायी वृद्धि'' के बारे में सतर्क किया. मंत्री ने चेतावनी दी कि चक्रवात कराची के तटीय इलाकों और सिंध के अन्य हिस्सों में बिजली पारेषण प्रणाली को प्रभावित कर सकता है.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल इनाम हैदर मलिक ने कहा कि बिपारजॉय उसी मार्ग पर अग्रसर है जिसके बारे में पीएमडी ने अनुमान जताया था. कराची में रक्षा आवास प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने भी कहा कि सीव्यू बीच के पास स्थित सीव्यू और दाराकशन आवास क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 2,000 निवासी स्वेच्छा से अन्य सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं.

सरकार नागरिकों को तटीय क्षेत्रों, समुद्र तटों से दूर रहने के लिए अलर्ट जारी कर रही है. मछली पकड़ने की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है और क्षेत्र के सभी बंदरगाहों को बंद कर दिया गया है. मलिक ने कहा, ‘‘जोखिम खत्म होने तक सावधानी बरतनी होगी.''

रक्षा आवास प्राधिकरण (डीएचए) के प्रवक्ता फारुख रिजवी ने कहा कि स्थिति बिगड़ने और जरूरत पड़ने पर और अधिक लोगों की निकासी की जा सकती है तथा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सीव्यू और डीएचए तट के निकट के सभी रेस्तरां और मनोरंजन पार्क बंद कर दिए गए हैं.

नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने कहा कि कराची का जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा चालू है लेकिन खराब मौसम की स्थिति में हवाई अड्डे पर निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सुरक्षा उपाय किए जाते हैं. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘नियमित रूप से पायलटों को हवा की गति और मौसम के बारे में लगातार जानकारी दी जाती है.''

सीएए ने कहा, ‘‘असामान्य परिस्थितियों में पायलट इलाके और मौसम की स्थिति पर विचार करके उड़ान या विमान को उतारने के लिए निकटतम उपयुक्त गंतव्य का चयन करते हैं." इससे पहले आखिरी बार 2010 में चक्रवात फेट का पाकिस्तान के तटीय क्षेत्रों में कहर टूटा था. इसकी वजह से सिंध और मकरान तटीय क्षेत्रों में 15 लोगों की जान गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे.

Featured Video Of The Day
Canada Temple Attack: खालिस्तानी पुलिसकर्मी Harinder Sohi के बारे में Exclusive जानकारी