तुर्की और सीरिया में शक्तिशाली भूंकप ने भयंकर तबाही मचाई. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई. जिस वक्त भूकंप आया उस वक्त लोग अपने घरों में सो रहे थे. भूकंप की वजह से अभी तक 1900 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर आ रही है. कई इमारतें भी मलबे में तब्दील हो गई. भूकंप कितना जोरदार था इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि झटके साइप्रस और मिस्र तक महसूस किए गए. सीरिया के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख रायद अहमद ने सरकार समर्थक रेडियो को बताया कि ये देश के इतिहास सबसे बड़े भूकंप में से एक था.
स्वास्थ्य मंत्रालय और एक स्थानीय अस्पताल के अनुसार, सीरिया के सरकार-नियंत्रित हिस्सों के साथ-साथ तुर्की समर्थक गुटों के कब्जे वाले उत्तरी क्षेत्रों में कम से कम 245 लोग मारे गए. वहीं तुर्की के उपराष्ट्रपति फुआट ओकटे ने जानकारी देते हुए बताया देश के दक्षिण पूर्व में सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से तुर्की में कम से कम 284 लोगों की मौत हो गई. ओकटे ने कहा कि तुर्की के सबसे बड़े भूकंपों में से एक में 2,300 से अधिक लोग घायल हो गए, कई प्रमुख शहरों में खोज और बचाव कार्य जारी है.
सर्दियों के बर्फ़ीले तूफ़ान से रेस्क्यू में बाधा आ रही थी क्योंकि प्रमुख सड़कें बर्फ से ढकी हुई हैं.भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 04:17 बजे (0117 GMT) लगभग 17.9 किलोमीटर (11 मील) की गहराई में आया. यूएस जियोलॉजिकल सर्विस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को दक्षिणी तुर्की में गजियांटेप के पास 7.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र तुर्की के 26 किलोमीटर दूर पूर्व में नूरदा रहा है. ये इलाक़ा ग़जिएनटेप के पास है. इस इलाक़े की आबादी क़रीब 20 लाख है जिसमें पांच लाख सीरियाई शराणार्थी हैं. आशंका जताई जा रही है कि भूकंप से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुक़सान हो सकता है.
सरकार की आपदा प्रबंधन एजेंसी एएफएडी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.4 थी. एएफपी संवाददाताओं के अनुसार, लेबनान, सीरिया और साइप्रस में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि तुर्की के अधिकारियों ने अभी तक किसी के मरने या घायल होने की सूचना नहीं दी है, लेकिन सोशल नेटवर्क पर पोस्ट किए गए वीडियो में देश के दक्षिण-पूर्व में कई शहरों में नष्ट हुई इमारतों को दिखाया गया है.
तुर्की दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप क्षेत्रों में से एक है. ड्यूज 1999 में 7.4 तीव्रता के भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा. विशेषज्ञों ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि एक बड़ा भूकंप इस्तांबुल को तबाह कर सकता है, जिसने सुरक्षा सावधानियों के बिना व्यापक निर्माण की अनुमति दी है. जनवरी 2020 में इलाज़िग में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 40 से अधिक लोग मारे गए थे. और उसी साल अक्टूबर में, एजियन सागर में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 114 लोग मारे गए और 1,000 से अधिक घायल हुए थे.
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