सूखी नदी से निकलीं 600 साल पुरानी बौद्ध प्रतिमाएं, बनी हुईं हैं आर्कषण का केंद्र

चीन (China) में मौजूद एशिया की सबसे लंबी नदी के सूखने के चलते 600 साल पुरानी तीन बौद्ध प्रतिमाएं (Buddhist statues) सामने आईं हैं.  यह तीनों बौद्ध प्रतिमाएं  फोएलियांग (Foyeliang) द्वीपीय इलाके के सबसे ऊंचे हिस्से में मौजूद हैं.  

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चीन में निकली बौद्ध प्रतिमाएं चिंग और मिंग साम्राज्य के ज़माने की बताई जा रही हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चीन (China) में बदलते मौसम के कारण सूख रही यांग्ट्सी नदी (Yangtze River) से एक डूबा हुआ टापू सामने आया है. यह चोंगकिंग शहर के दक्षिण-पश्चिम में मौजूद है. बैंकॉक पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस टापू पर 600 साल पुरानी तीन बौद्ध प्रतिमाएं सामने आईं हैं.  यह तीनों बौद्ध प्रतिमाएं फोएलियांग (Foyeliang) द्वीपीय इलाके के सबसे ऊंचे हिस्से में मौजूद हैं.  शुरुआत में इन्हें मिंग और चिंग (Ming and Qing) साम्राज्यों के दौरान बनाया हुआ माना जा रहा है. एक प्रतिमा में एक भिक्षु को कमल पर बैठा दिखाया गया है.  चीन के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में सूखे और लू के कारण यांग्ट्ज़े नदी का पानी तेजी से सूख रहा है.  

सीएएन पर दिखाई गई इन तीनों प्रतिमाओं की वीडियो के अनुसार, यह प्रतिमाएं चट्टानों से काटकर बनाई गई हैं.  बैठी हुई अवस्था में यह तीनों प्रतिमाएं अब आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. लंबे समय से यह मूर्तियां नदी के पानी के भीतर डूबी हुईं थीं. 

बुद्धिस्ट डोर. नेट के मुताबिक, यांग्ट्सी एशिया की सबसे लंबी नदी है और यह दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है. साल 1865 से अब तक इस मौसम में जलस्तर की तुलना में यह अब तक अपने सबसे निचले स्तर पर है. यांग्ट्सी के कई सेक्शन और इसकी दर्जनों सहायक नदियां सूख गईं हैं. इसके कारण ज़रूरी जहाज के रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए हैं.  यांग्ट्सी 400 मिलियन से अधिक चीनी लोगों के लिए पीने के पानी का स्त्रोत है. यह देश की अर्थव्यवस्था और दुनिया सप्लाई चेन में भी अहम स्थान रखती है. 

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