अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक स्कूल (Kabul School Bomb Blast) के निकट शनिवार को जबरदस्त धमाका हो गया. इस बम विस्फोट में 40 लोगों के मारे जाने और 52 लोगों के घायल होने की खबर है. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने ये जानकारी दी है. काबुल ज़िले के दस्त-ए-बारची में सैयद अल शुहादा गर्ल्स हाई स्कूल को निशाना बनाकर ये धमाका किया गया, जब लड़कियां स्कूल से निकल रहीं थीं. पहले कार बम फटा और फिर दो रॉकेट दागे गए।अभी तक किसी आतंकी संगठन ने ज़िम्मेदारी नहीं ली है. पुलिस इसे आतंकी हमला मानकर जांच कर रही है.
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अफगान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियन ने कहा कि हमले में 40 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह बम धमाका पश्चिमी काबुल के दस्त ए बारची जिले में हुआ, जब लोग अगले हफ्ते ईद उल फितर की खरीदारी के लिए घरों से बाहर निकले थे. ईद उल फितर रमजान के पवित्र महीने के अंत में मनाया जाता है. इस इलाके में शिया हजारा समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. ये समुदाय सुन्नी इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर रहा है.
अफगानिस्तान में गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता हामिद रोशन ने कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है, जो शुरुआती तौर पर एक आतंकी हमला प्रतीत हो रहा है. मरने वालों में कई स्कूली छात्र-छात्राएं शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता दस्तगीर नजारी का कहना है कि बम धमाके के बाद घटनास्थल की ओर कई एंबुलेंस रवाना की गईं और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बम धमाके के बाद इलाके में चीख-पुकार मच गई. लोग मदद की ओर दौड़े. सड़क पर इधर-उधर पड़े घायलों को उठाकर अस्पताल ले जाने में स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों की मदद की. यह धमाका ऐसे वक्त हुआ है, जब अमेरिका अफगानिस्तान में अपने बाकी बचे 2500 सैनिकों को भी वापस बुलाने की प्रक्रिया पूरी करने में जुटा है. तालिबान और अफगान सरकार के बीच लड़खड़ाती शांति वार्ता के बीच अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी हो रही है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने संवाददाताओं को भेजे संदेश में कहा कि केवल इस्लामिक स्टेट समूह इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार होगा. मुजाहिद ने अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों की इस्लामिक स्टेट से साठगांठ का आरोप लगाया. हालांकि, अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया.
उल्लेखनीय है कि इसी इलाके में पिछले साल शिया समुदाय को निशाना बनाकर शिक्षण संस्थान पर हमला हुआ था, जिसमें 50 लोगों की मौत हुई थी. मृतकों में अधिकतर विद्यार्थी थे. यह हमला यहां बचे 2500 से 3000 अमेरिकी सैनिकों की औपचारिक वापसी शुरू होने के कुछ दिन बाद हुआ है. अमेरिकी सैनिकों की वापसी 11 सितंबर तक पूरी हो जाएगी. यह वापसी तालिबान के दोबारा ताकतवर होने की आशंका के बीच हो रही है, जिसके कब्जे या प्रभाव में करीब आधा अफगानिस्तान है.