- अमेरिका के 20 राज्यों ने ट्रंप प्रशासन के $100,000 H-1B वीजा शुल्क को गैरकानूनी बताते हुए मुकदमा दायर किया है.
- कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह शुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी बढ़ाएगा.
- ट्रंप प्रशासन ने यह शुल्क 19 सितंबर 2025 के आदेश से लागू किया जो नए H-1B आवेदन पर प्रभावी हुआ.
अमेरिका के 20 राज्यों ने ट्रंप प्रशासन के उस फैसले को चुनौती देते हुए मुकदमा दायर किया है, जिसमें नए H-1B वीज़ा आवेदन पर $100,000 का शुल्क लगाने का प्रावधान किया गया है. राज्यों का कहना है कि यह नीति गैरकानूनी है और जरूरी सार्वजनिक सेवाओं को खतरे में डालती है.
यह शुल्क डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने लागू किया है. H-1B वीजा का इस्तेमाल अस्पताल, यूनिवर्सिटी और स्कूल जैसे संस्थान करते हैं ताकि वे उच्च-कुशल विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त कर सकें.
'$100,000 शुल्क गैरकानूनी बोझ'
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बॉन्टा ने कहा कि प्रशासन के पास यह शुल्क लगाने का अधिकार नहीं था. बॉन्टा ने कहा, 'दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, कैलिफोर्निया जानता है कि जब दुनिया भर की कुशल प्रतिभा हमारे कार्यबल में शामिल होती है, तो यह हमें आगे बढ़ाती है.'
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उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप का $100,000 शुल्क गैरकानूनी वित्तीय बोझ डालता है और शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी को और बढ़ाएगा.
ट्रंप ने बढ़ाया शुल्क
ट्रंप ने यह शुल्क 19 सितंबर 2025 को जारी आदेश से लागू किया था. यह नियम 21 सितंबर के बाद दाखिल होने वाले H-1B आवेदन पर लागू हुआ.
नए नियम से राज्यों को क्या दिक्कत?
राज्यों का आरोप है कि यह नीति अमेरिकी कानून और संविधान का उल्लंघन करती है क्योंकि इसे बिना ज़रूरी प्रक्रिया के लागू किया गया. अभी तक H-1B आवेदन पर नियोक्ता (Employer) $960 से $7,595 तक शुल्क देते हैं. नया नियम इस लागत को कई गुना बढ़ा देगा.
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H-1B वीजा पर शुल्क बढ़ाने से अमेरिका को ही होगी दिक्कत
बता दें कि H-1B वीज़ा पर अमेरिका के स्कूल और अस्पताल काफी निर्भर हैं. 2024-25 में 74% स्कूलों ने शिक्षकों की कमी की शिकायत की थी. स्वास्थ्य क्षेत्र में भी स्थिति गंभीर है. साल 2024 में लगभग 17,000 H-1B वीज़ा डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशों के लिए जारी किए गए थे. अनुमान है कि 2036 तक अमेरिका को 86,000 डॉक्टरों की कमी का सामना करना पड़ेगा.
20 राज्यों ने किया केस
यह मुकदमा कैलिफोर्निया और मैसाचुसेट्स के अटॉर्नी जनरल ने दायर किया है. इनके साथ एरिज़ोना, कोलोराडो, न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, वॉशिंगटन समेत 18 अन्य राज्य शामिल हैं. H-1B वीजा भारतीय पेशेवरों के लिए भी बेहद अहम है, खासकर टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और रिसर्च क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए.













