सऊदी अरब के सरकारी मीडिया की ख़बरों के मुताबिक, सोमवार को तीर्थयात्रियों को मक्का ले जा रही बस में पुल पर हुई टक्कर के बाद आग लग जाने की वजह से 20 लोगों की मौत हो गई है, और दो दर्जन से ज़्यादा लोग ज़ख्मी हो गए हैं.
दक्षिणी सूबे असीर में हुए इस हादसे से मक्का और मदीना शहरों में तीर्थयात्रियों को सुरक्षित ले जाने में पेश आने वाली चुनौतियां उजागर हुई हैं. हादसा रमज़ान के पहले सप्ताह के दौरान हुआ, जब उमराह की यात्रा के लिए पहुंचने वाले भारी तादाद में आते हैं. साल में कुछ अरसा बाद यहां वार्षिक हज यात्रा भी होती है, जिसमें दुनियाभर से लाखों मुस्लिम पहुंचते हैं.
सरकार से जुड़े चैनल अल-एख़बारिया की रिपोर्ट के अनुसार, "हमें प्राप्त प्रारंभिक सूचनाओं के मुताबिक इस हादसे में मरने वालों की तादाद 20 हो गई है, जबकि ज़ख्मी लोगों की तादाद लगभग 29 है..." रिपोर्ट के अनुसार, मरने वाले अलग-अलग देशों के नागरिक थे, लेकिन उन्होंने कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी.
चैनल ने बताया कि बस में 'कार ट्रबल' हो गई थी, जिसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई, लेकिन निजी समाचारपत्र ओकाज़ के मुताबिक हादसा ब्रेक में मसला पैदा हो जाने कारण हुआ. इसके बाद वाहन 'पुल से टकराकर पलट गया, और उसमें आग लग गई...'
अल-एख़बारिया द्वारा प्रसारित फुटेज में एक रिपोर्टर को ऐसे मलबे के सामने खड़े देखा जा सकता है, जो बस के जले हुए खोल जैसा दिख रहा है.
सऊदी अरब में मौजूद पवित्र स्थलों तक तीर्थयात्रियों को ले जाना खतरनाक काम साबित होता रहा है, जो हज के दौरान खासा मुश्किल हो जाता है, जब सड़कों पर बसों की वजह से भारी ट्रैफिक जाम पैदा हो जाते हैं, और खतरा बढ़ जाता है.
अक्टूबर, 2019 में भी मदीना के निकट एक बस के किसी अन्य भारी वाहन से टकरा जाने की वजह से 35 विदेशियों की मौत हो गई थी तथा चार अन्य ज़ख्मी हो गए थे. इसके बावजूद तीर्थयात्रा सऊदी अरब के लगातार बढ़ते पर्यटन क्षेत्र का अनिवार्य हिस्सा है.