4 मिनट में 895 करोड़ के दुर्लभ गहने उड़ाए थे, पेरिस के लूव्र म्यूजियम चोरी कांड में 2 गिरफ्तार

विश्वप्रसिद्ध लूव्र संग्रहालय की एक खिड़की तोड़कर 19 अक्टूबर को चोरों ने फ्रांसीसी शाही आभूषण चुराए थे. यह चोरी मोनालिसा की मशहूर पेंटिंग से महज 250 मीटर की दूरी पर हुई थी.

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फ्रांस में पेरिस के मशहूर लुव्र म्यूजियम से शाही आभूषणों की चोरी के मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. AFP के मुताबिक, एक संदिग्ध को शनिवार रात करीब 10 बजे पेरिस के चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया. वह विदेश जाने वाले एक विमान में सवार होने की कोशिश कर रहा था. इसके थोड़ी देर बाद ही एक अन्य संदिग्ध को पेरिस रीजन से ही गिरफ्तार किया गया.

याद दिला दें कि 19 अक्टूबर को चोरों ने संग्रहालय की एक खिड़की तोड़कर फ्रांसीसी शाही आभूषण चुरा लिए थे. मोनालिसा की मशहूर पेंटिंग भी इसी म्यूजियम में है. यह चोरी उससे महज 250 मीटर की दूरी पर हुई थी. इस घटना ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया था और म्यूजियम की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए. 

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फ्रांसीसी अधिकारियों के मुताबिक, चोरों ने रविवार 19 अक्टूबर को सुबह चार मिनट से भी कम समय में चोरी को अंजाम दिया. उन्होंने सीन नदी की ओर म्यूजियम की एक खिड़की तोड़ी, दो कांच के डिस्प्ले केस तोड़कर सामान निकाला. अलार्म बजने के बाद सुरक्षाकर्मियों के पहुंचने पर चोर जल्दबाजी में मोटरसाइकिलों पर भाग निकले.

इस दौरान कुल आठ दुर्लभ वस्तुएं चोरी हुईं. इनमें 19वीं सदी की रानी मैरी अमेलिया और हॉर्टेंस का नीलम से जड़ा मुकुट, हार और एक कान की बाली, नेपोलियन बोनापार्ट की दूसरी पत्नी महारानी मैरी लुईज़ का पन्ना जड़ित हार और बालियां, एक कीमती ब्रोच, महारानी यूजनी का हीरे जड़ा मुकुट और उनका हीरे-पन्ने का ब्रोच शामिल हैं.ॉ

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चोरी की घटना के बाद महारानी यूजनी का पन्ना जड़ा मुकुट, जिसमें 1,300 से अधिक हीरे लगे हैं, संग्रहालय के बाहर क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ा मिला था. पेरिस की अभियोजक लॉरे बेकुआ के मुताबिक, चुराए गए शाही आभूषणों की कीमत लगभग 10.2 करोड़ डॉलर है.

चोरी के बाद जांच के लिए तीन दिन तक संग्रहालय को बंद रखा गया. 22 अक्टूबर को इसके फिर से खुलने पर सैकड़ों लोग म्यूजियम के बाहर कतार में खड़े रहे. हालांकि जिस अपोलो कक्ष में चोरी हुई, उसे नहीं खोला गया.

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लुव्र म्यूजियम की निदेशक लॉरेंस दे कार ने गहनों की चोरी की घटना को भारी नाकामी बताते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन सरकार ने उसे अस्वीकार कर दिया. फ्रांसीसी सीनेट की एक समिति के सामने गवाही में दे कार ने माना कि संग्रहालय के बाहरी हिस्से में सुरक्षा कैमरों की कमी थी और इस चोरी ने कई कमजोरियों को उजागर किया है. 


 

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