चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव के बीच अब एक बार फिर अमेरिकी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंच रहा है. गौरतलब है कि यह यात्रा नैन्सी पेलोसी की यात्रा के 12 दिनों बाद हो रही है. बताते चलें कि नैन्सी पेलोसी की यात्रा के बाद चीन की तरफ से जमकर विरोध दर्ज करवाया गया था और चीन ने अपने हथियार तैनात कर दिए थे.
अमेरिकी संस्थान ने एक बयान में कहा है कि ताइवान में 14-15 अगस्त, 2022 तक भारत-प्रशांत क्षेत्र की एक बड़ी यात्रा के हिस्से के रूप में "सीनेटर एड मार्के (डी-एमए), प्रतिनिधि जॉन गारमेंडी (डी-सीए), प्रतिनिधि एलन लोवेंथल (डी-सीए), प्रतिनिधि डॉन बेयर (डी-वीए), और प्रतिनिधि औमुआ अमाता कोलमैन राडेवेगन (आर-एएस) का दौरा करेंगे. गौरतलब है कि अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा है कि चीन की हालिया आक्रामक कार्रवाई के चलते हिंद-प्रशांत में ‘असहज शांति' की स्थिति है.
उन्होंने रेखांकित किया कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत और अमेरिका को जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए. कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारत के साथ साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है.''उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करने में ‘क्वाड' जैसी पहल के माध्यम से भारत विशेष रूप से प्रभाव डाल सकता है. हिंद-प्रशांत को किसी भी तरह के प्रभाव से मुक्त रखने के उद्देश्य से नवंबर 2017 में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने क्वाड का गठन किया था.