11 साल के यूक्रेनी बच्चे ने दिखाई गजब की हिम्मत, जान बचाने के लिए अकेले तय किया 1,000 किमी का सफर

रूस के हमले बाद यूक्रेन (Ukraine) में हालात कितने भयावह से इससे अब हर कोई वाकिफ हो चुका है. लेकिन वहां रहने वाले लोगों डर के साए में जी रहे हैं इसका अंदाजा लगाना भी नामुमकिन है. ऐसे में कई लोग यूक्रेन के संकटग्रस्त इलाकों को छोड़ दूसरे देशों का रूख कर रहे हैं.

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दुनियाभर में लड़के की खूब तारीफ हो रही है.

नई दिल्ली:

रूस के हमले के बाद यूक्रेन (Ukraine) में हालात बेहद भयावह हो चुके हैं. अब यूक्रेन के ज्यादातर लोग डर की वजह से दूसरे देशों में आसरा ढूंढने के इरादे से पलायन कर रहे हैं. यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों में दस लाख से ज्यादा लोग शरणार्थी बन चुके हैं. यूक्रेन में रूस के युद्ध के बीच में, एक 11 वर्षीय यूक्रेनी लड़का (Ukraine Boy)  अकेले 1,000 किमी की यात्रा करने के बाद स्लोवाकिया पहुंचा. इस दौरान उस पास एक बैकपैक, उसकी मां का नोट और एक टेलीफोन नंबर मौजूद था.

लड़का दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के ज़ापोरिज्जिया का रहने वाला था, जहां पिछले हफ्ते रूसी सेना (Russian Army) ने कब्जा कर लिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीमार रिश्तेदार की देखभाल के लिए उनके माता-पिता को वापस यूक्रेन (Ukraine) में रहना पड़ा. इस मुश्किल यात्रा को पूरी करने के बाद, बच्चे ने अपनी मुस्कान, निडरता और दृढ़ संकल्प के लिए काफी तारीफें बटोरी. स्लोवाकिया के आंतरिक मंत्रालय ने एक फेसबुक पोस्ट में बच्चे को "पिछली रात का सबसे बड़ा नायक" कहा.

रिपोर्ट के अनुसार, लड़के की मां ने उसे उसके रिश्तेदारों को खोजने के लिए ट्रेन से स्लोवाकिया (Slovakia)  की यात्रा पर भेजा. इस दौरान उसके पास एक प्लास्टिक बैग, एक पासपोर्ट (Passport) और मुड़े हुए नोट में एक संदेश लिखा था. जब लड़का अपने पासपोर्ट में मुड़े हुए कागज के टुकड़े के साथ अपने हाथ पर फोन नंबर के अलावा स्लोवाकिया पहुंचा, तो सीमा पर मौजूद अधिकारी राजधानी ब्रातिस्लावा में उसके रिश्तेदारों से संपर्क करने में सक्षम रहे.

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लड़के की मां ने स्लोवाक सरकार और पुलिस को उसकी देखभाल करने के लिए धन्यवाद देने के लिए एक संदेश भेजा था. स्लोवाकिया के गृह मंत्रालय ने लड़के की "निडरता और दृढ़ संकल्प" की प्रशंसा करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट की. मंत्रालय ने कहा, "हाथ पर एक प्लास्टिक बैग, पासपोर्ट और फोन नंबर (Phone Number) लिखा हुआ था, वह पूरी तरह से अकेला आया था क्योंकि उसके माता-पिता को यूक्रेन में रहना पड़ा."

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इसके बाद स्वयंसेवकों ने अपनी मर्जी से उसकी देखभाल की, उसे एक गर्म जगह पर ले गए और उसे भोजन और पेय प्रदान किया. स्लोवाकियाई मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा पोस्ट में लिखा, "हाथ पर नंबर और कमर पर बैग और एक कागज के टुकड़े के लिए धन्यवाद. मैं बाद में उसके लिए आए रिश्तेदारों से संपर्क करने में कामयाब रहा और पूरी कहानी अच्छी तरह से समाप्त हो गई.

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