Zakir Hussain Death: लेजेंडरी तबला वादक और संगीतकार उस्ताद ज़ाकिर हुसैन नहीं रहे , अमरीका के सन फ्रांसिस्को में उन्होंने आख़िरी साँस ली, वो पिछले कुछ वक़्त से अस्पताल में थे और ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे । भारतीय संगीत को विश्व स्तर तक पहुँचाने में उनका बड़ा योगदान था । मैं शायर-वायर तो नहीं हूं, लेकिन तबले में जो बजता है, वह भी एक शायरी ही है... एक इंटरव्यू में जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) ने यह बात कही थी. और क्या खूब कही थी. तबले पर बिजली सी रफ्तार से दौड़ती उनकी उंगलियों से निकली शायरी के सम्मोहन से शायद ही कोई बचा. तबले पर जब उनकी उंगलियां आराम लेतीं, तो मुंह से बरबस ही निकल पड़ता- वाह उस्ताद. आज यह उस्ताद अलविदा कह गया. लेकिन घुंघराले बालों वाले इस उस्ताद की उंगलियां मानों तबले पर अभी भी कहीं थिरक रही हैं. तबला मानों बज रहा है.