Work Life Balance: काम की गुणवत्ता और उत्पादकता ज़्यादा ज़रूरी है. कर्मचारी जितने खुश और स्वस्थ होंगे उतना बेहतर काम करेंगे. काम के घंटों से उत्पादकता का उतना सीधा रिश्ता नहीं है. यही वजह है की कई देश काम के घंटे कम कर उत्पादकता बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. जर्मनी में 4 डे वर्क वीक का प्रयोग एक फरवरी 2024 से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुआ. इस अध्ययन का मकसद है कि क्या हफ्ते में चार दिन काम करने से कर्मचारी ज़्यादा खुशहाल स्वास्थ्य और उत्पादक होंगे जैसा कि वहां के मजदूर यूनियनों का मानना है. जर्मनी ऐसा करने वाला अकेला देश नहीं है. 2022 में बेल्जियम यूरोपियन यूनियन का पहला देश बन गया जिसने हफ्ते में चार दिन काम करने का विकल्प अपने कर्मचारियों को दिया. हालांकि यहां अलग बात ये है कि हफ्ते में काम के कुल घंटे चार दिन में भी उतने ही होंगे जितने पांच दिन में.