सरकारी बैंकों में जिस तरह से घोटालों के मामले सामने आ रहे हैं तो क्या इन्हें रोकने के लिए इनका निजीकरण करना पड़ेगा? पीएनबी घोटाला और रोटोमैक से जुड़े मामले सामने आने के बाद कई लोग कह रहे हैं कि सरकारी बैंकों का निजिकरण कर देने से ऐसे मामलों पर लगाम लगाई जा सकती है. तो क्या सरकारी बैंकों के निजीकरण से ऐसे घोटालों पर लगाम लगाई जा सकती है? सिंपल समाचार में देखिए इसी पर चर्चा.