हर दिन भारत में 54 लोग आग में जलकर मर जाते हैं, हर दिन भारत में सूरत जैसी घटना के बराबर दो अग्निकांड हो जाता है. 24 मई को सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से 22 लोगों की मौत हुई, इसमें 17 छात्र-छात्राएं शामिल हैं. इस घटना के बाद सारी बहस इस तंज तक सिमट कर रह गई कि हम तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से सरदार पटेल की मूर्ति तो बना लेते हैं लेकिन स्मॉर्ट सिटी सूरत में आग बूझाने के लिए एक सीढ़ी तक नहीं खरीद पाते हैं.