अलवर में गोरक्षकों के हमले में पहलू खान को जान गंवानी पड़ी. ये कोई पहला ऐसा मामला नहीं था. आपको दादरी भी याद होगा, उना भी याद होगा जहां कुछ दलित युवकों की पिटाई की खबरें चर्चा में आई थी. एक ओर पीएम मोदी कहते हैं कि 70 से 80 फीसदी गोरक्षक फर्जी होते हैं तो वहीं दूसरी ओर एक राज्य के मंत्री कहते हैं कि काम तो ठीक किया लेकिन कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. तो आखिर गोरक्षा के नाम पर ऐसी गुंडागर्दी क्यों? राज्य सरकारें इसे रोकने में नाकाम क्यों? मुकाबला में देखिए इसी मुद्दे पर चर्चा.