गोरक्षा के नाम पर हो रही लिंचिंग लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी अपने आप में कानून नहीं हो सकता. देश में भीड़तंत्र की इजाज़त नहीं दी जा सकती. राज्य सरकारों को सख़्त आदेश दिया कि संविधान के दायरे में रहकर काम करें और भीड़ की हिंसा रोकने के लिए गाइडलाइंस को 4 हफ्ते में लागू करने को कहा. कोर्ट ने मोबोक्रेसी शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ की हिंसा पर संसद को क़ानून बनाने का कहा, जिसमें हत्या पर सज़ा का प्रावधान हो.