क्या सादगी से अनुशासन नहीं आता है, क्या महंगे ब्रांड से ही अनुशासन आता है, काला जूता ही पहनना है तो छात्र अपनी क्षमता से क्यों न खरीदे? स्कूल कौन होता है तय करने वाला कि आप महंगे ब्रांड का जूता 2000 में ख़रीदें. क्या स्कूल में पढ़ने वाले सभी मां बाप की क्षमता एक ही होती है.