रेल मंत्री पीयूष गोयल के रेल मंत्रालय में. आप जो स्टोरी देखेंगे और अगर रेल मंत्री ने भी यह स्टोरी देखी तो मुझे यकीन है कि वे इंसाफ ज़रूर करेंगे. आप अपने स्क्रीन पर रंजीत कुमार को देख रहे हैं. किसी तरह एनडीटीवी के दफ्तर रास्ता खोजते आए. यहां आकर उन्होंने दस्तावेज़ों का पुलिंदा निकाला जिसे देखकर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि एक आदमी जब सिस्टम से धक्का खाता है तो कितना धक्का खाता है. रंजीत कुमार देख नहीं सकते, लेकिन सिस्टम तो आपको देख सकता था.