2011 की जनगणना के अनुसार, लगभग 26.8 मिलियन लोग, या भारत की आबादी का 2.2 प्रतिशत, किसी न किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक दिव्यांगता के शिकार हैं. लेकिन दिव्यांग लोगों (पीडब्ल्यूडी) के लिए पहुंच अभी भी एक चुनौती बनी हुई है, क्योंकि उन्हें शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं सहित सार्वजनिक और निजी स्थानों पर नेविगेट करना और उनका उपयोग करना मुश्किल लगता है.