कौन समझेगा शहीदों के परिजनों दर्द?

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  • प्रकाशित: फ़रवरी 15, 2019
देश ग़म और गुस्से में डूबा है. उसने अपने 40 जांबाज़ जवान खो दिए हैं. पीछे रह गई हैं इनके यादें, इनके परिवारों के दुख, उन आख़िरी लम्हों की टीसती हुई तक़लीफ़ जब उन्होंने आख़िरी बार अपने प्रियजनों से बात की या बात नहीं कर पाए. एनडीटीवी ने इन परिवारों के दुख को समझने की कोशिश की.

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