2016-17 के साल में दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर खूब चर्चा हुई. तरह तरह की नौटंकियां हुई. एक कंपनी ने तो बस स्टैंड में एयर प्यूरीफायर लगा दिया था. प्रचार पाने के बाद वो हवा की तरह गायब हो गई. टीवी में खूब बहस हुई. डाक्टरों ने बताया कि प्रदूषित हवा हमारे फेफड़ों को खराब कर रही है, हमारी जान ले रही है मगर अब यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है. साफ है लोग चुनाव से अपने लिए कम उम्मीद रखते हैं, नेताओं के शौक को पूरा करने के लिए भिड़े रहते हैं. वर्ना यह सुनकर कि 2018 में गुरुग्राम दुनिया का सबसे अधिक प्रदूषित शहर था, वहां के लोगों को सड़क पर उतर आना चाहिए.