AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "जो फाइनल रिपोर्ट दी गई थी उसमें भाजपा सांसदों ने जो संशोधन दिए थे, वह पास हो गए क्योंकि उनके पास नंबर थे, हम ये नहीं करवा पाए क्योंकि हमारे पास नंबर नहीं थे... वक्फ बोर्ड मुसलमानों की उन संपत्तियों के लिए है जो हमारे बुजुर्गों ने दान दिया था, उसमें आप गैर मुसलमान को सदस्य बना रहे हैं, और उसमें चुनाव नहीं होगा, आप मनोनीत करेंगे... बाबरी मस्जिद व राम मंदिर मामले में वक्फ बाय यूजर को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था, उस जजमेंट के मुताबिक राम मंदिर बनाया गया, उस जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के बारे में जो कहा था, उसके उलट सरकार काम कर रही है... जब हिंदू एंडोमेंट बोर्ड में गैर हिंदू सदस्य नहीं बन सकता, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में सिख ही सदस्य बन सकता है तो आप यहां गैर मुसलमान को क्यों बनाना चाह रहे हैं... सरकार वक्फ की संपत्ति छीनने की कोशिश कर रही है... सिर्फ नफरत के आधार पर मुसलमानों और वक्फ की संपत्ति छीनी जा रही है..."