भारत का आर्थिक पैकेज. बीस लाख करोड़ रुपये. यह संख्या, यह विस्तार इतना बड़ा था कि इसे विस्तार से बताने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पांच दिन लगे. यानी कुल जमा पांच प्रेस कांफ्रेंस के बाद जब लोगों ने ढूंढ़ा कि वो पैकेज जो मोटी हेडलाइन बनकर आया था वह फुटनोट पर क्यों नजर आ रहा है. वह पहले पैराग्राफ में क्या नजर आ रहा है, बीच के पैराग्राफ में क्या नजर आ रहा है, तो कुछ और नजर आ रही है. जिन कुछ औद्योगिक संगठनों ने, जैसे- एसोचैम है, सीआईआई है, फिक्की है वगैरहा वगैरहा. इन सबने पहले ही दिन, जब कहा गया कि विस्तार से बताया जाएगा, जिस तरह से भूरी-भूरी प्रशंसा की इस पैकेज की. इसके हरी-हरी खूबियों में उनका मिजाज अब है हरा-हरा इसका हमें पता नहीं. मुझे यह भी नहीं पता कि वे अपने वट्सएप में भी वही बातें कर रहे हैं जो उन्हें अपनी प्रेस रिलीज में कहनी पड़ रही है.