बारामती से क़रीब दस किमी दूर शरद पवार के काटेवाड़ी गांव में एनडीटीवी पहुंचा. शरद पवार के पूर्वज सातारा से विस्थापित होकर बारामती के काटेवाड़ी में बस गए थे. कड़ी मेहनत से बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया और फिर गन्ने की खेती शुरू की. शरद पवार के हमेशा चीनी लॉबी पर हावी होने की असली वजह बीस पीढ़ियों से इस क्षेत्र में उनका प्रभाव है. अजीत पवार लगभग हर हफ़्ते काटेवाड़ी में जनता दरबार लगाते हैं, लोगों से व्यक्तिगत जुड़ाव है इसलिए शरद पवार के बाद यहां अधिकांश लोगों का झुकाव अजीत पवार की तरफ़ दिखता है.