कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के तहत करीब एक महीने चले प्रचार अभियान के बाद अब प्रदेश की जनता की बारी आई है जो बुधवार को अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर उम्मीदवारों के चुनावी भविष्य को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद करेगी. इसके बाद 13 मई को पता चलेगा कि कर्नाटक की सत्ता का ताज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बरकरार रख पाती है या कांग्रेस उससे यह ताज छीनने में सफल रहती है या फिर तीसरी ताकत के रूप में जनता दल (सेक्युलर) इसकी कुंजी अपने पास रखता है. एनडीटीवी ने जानना चाहा है कि फर्स्ट टाइम वोटर्स इस चुनाव में क्या चाहते हैं.