आदर्श ग्राम योजना के शुरू होते ही खबर आने लगी कि किसी नेता ने अपनी जाति की बहुलता वाले गांव का चयन किया है तो किसी ने उस गांव का चयन किया, जिसमें एक भी मुसलमान नहीं है।
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