बीजेपी और जेडीयू के रिश्तों का वो वक़्त था, जहां सबकुछ बढ़िया बढ़िया नज़र आता था और इस बात के प्रश्न भी नहीं उठते थे कि क्या ये गठबंधन कभी टूटेगा, लेकिन एक सियासत बदल रही थी जिसका पैमाना शायद नीतीश कुमार नहीं माप पाए और वो भी भारतीय जनता पार्टी में नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता।