मां की ममता, मां का लाड़-प्यार, पिता की थोड़ी सी सख्ती, थोड़ी सी डांट, इन्हीं सबसे मिलजुलकर बनती हैं बचपन की खट्टी-मीठी यादें... लेकिन कई बार अलग-अलग वजहों से ऐसा हो जाता है कि मां या बाप में से कोई अकेला ही रह जाता है बच्चे की परवरिश के लिए... (यह एपिसोड मूल रूप से अक्टूबर, 2007 में प्रसारित हुआ था और इसे एनडीटीवी क्लासिक के तहत दोबारा दिखाया गया है।)