समाज तमाम लोग होमोसेक्सच्युल, समलैंगिक, गे या फिर कहें लेस्बियन होते हैं... इनकी दुनिया भी वैसी ही है जैसे अन्य लोगों की होती है, किंतु समाज, कई बार परिवार के लोग भी ऐसे लोगों को आसानी से स्वीकारता नहीं है। इसी पर आधारित सलाम जिंदगी का यह शो...
(यह एपिसोड मूल रूप से अप्रैल, 2008 में प्रसारित किया गया था, और अब इसे 'एनडीटीवी क्लासिक' के तहत दोबारा दिखाया गया है)