उमर अब्दुल्ला का कहना है कि सिर्फ बातचीत से ये हमले रुकने वाले नहीं हैं, केंद्र कुछ और विकल्प सोचे…। उमर का बयान यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि क्या भारत सरकार सीमा पर जो हो रहा है उसे बहुत हल्के में ले रही है। कहीं न कहीं इसकी छाया केरन मुठभेड़ पर भी दिखती है जिस पर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं...। इन सब पर चर्चा प्राइम टाइम में।