स्कूलों और किताबों की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव आ रहा है। अब बच्चों की पीठ पर स्कूल का भारी बस्ता नहीं होगा उनके हाथ में टेबलेट होगी। शुरुआत हैदराबाद से हो रही है जहां एक कंपनी ऐसा टेबलेट बनाने में जुटी है और एक स्कूल इनका इस्तेमाल शुरू करने की सोच रहा है।